कांग्रेस में शामिल हुए बीआरएस के 10 विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को तेलंगाना हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द करने के बाद, जिसमें भारत राष्ट्र समिति (BRS) के 10 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अयोग्यता की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई थी, तेलंगाना में उपचुनाव हो सकते हैं।
अपने आदेश में, न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष गद्दाम प्रसाद कुमार को तीन महीने के भीतर विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने का भी निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बीआरएस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जो इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ-साथ लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की भी आलोचना कर रही है।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हम मुख्य न्यायाधीश (बी आर गवई) का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि इस देश के लोकतांत्रिक ढांचे को दुर्भावनापूर्ण तरीकों से नष्ट न किया जाए। मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी, जिन्होंने अपने ‘पंच न्याय’ में दलबदल विरोधी कानूनों को और मज़बूत करने और दलबदल पर स्वतः रद्द होने की वकालत की थी, इस फैसले का स्वागत करेंगे। मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप अपने उपदेशों पर अडिग रहें, श्रीमान गांधी।”
उम्मीद है कि कांग्रेस अदालत के आदेश को स्वीकार करेगी- केटीआर
के टी रामा राव ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस अदालत के आदेश को स्वीकार करेगी और माननीय अध्यक्ष के पद का इस्तेमाल भारतीय संविधान का और मज़ाक उड़ाने के लिए नहीं करेगी। राव ने कहा कि कांग्रेस में शामिल हुए 10 विधायकों ने ऐसा अवैध तरीके से किया है।
विधायकों के अयोग्य घोषित होने पर भी कांग्रेस सरकार को कोई ख़तरा नहीं है क्योंकि 119 सदस्यीय विधानसभा में 64 विधायकों के साथ कांग्रेस के पास बहुमत है। बीआरएस के 39 विधायक हैं, जबकि भाजपा और एआईएमआईएम के क्रमशः आठ और सात विधायक हैं। कांग्रेस की सहयोगी भाकपा का एक विधायक है।
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केटीआर ने कहा कि पार्टी उपचुनावों के लिए तैयार
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, केटीआर ने कहा कि पार्टी इन सीटों पर किसी भी समय होने वाले संभावित उपचुनावों के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हम एक साल से तैयारी कर रहे हैं।” बीआरएस एमएलसी दासोजू श्रवण ने इस फैसले को अन्याय करने वालों और संविधान का पालन न करने वालों के मुंह पर तमाचा बताया। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “सिर्फ़ उपचुनाव ही नहीं अगर आज विधानसभा चुनाव हो जाएं तो हम 80% सीटें जीतेंगे।”
यह फैसला तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के लिए एक निजी झटका है, जिन्होंने मार्च में सदन में ज़ोर देकर कहा था कि बीआरएस विधायकों के पाला बदलने पर भी उपचुनाव नहीं होंगे।
कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर भड़की शीर्ष अदालत
कांग्रेस नेता की इस टिप्पणी पर शीर्ष अदालत भड़क गई थी और पीठ ने सवाल उठाया था कि क्या पिछले साल अगस्त में उन्हें कथित रूप से अवमाननापूर्ण टिप्पणी करने के आरोप में बरी करके कोई गलती की थी। जस्टिस गवई ने कहा था, “पहले भी ऐसा अनुभव होने के बाद, क्या आपके मुख्यमंत्री से कम से कम कुछ हद तक संयम बरतने की उम्मीद नहीं की गई थी? तो क्या हमने उस समय उन्हें बरी करके और अवमानना का मुकदमा न चलाकर कोई गलती की थी?”
गुरुवार को, कांग्रेस ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है और उपचुनावों के लिए भी तैयार है। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने तीन महीने पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। जिन निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव होने की संभावना है, वहाँ हमने दोगुनी संख्या में इंदिराम्मा इलुलु (घर) स्वीकृत किए हैं, जबकि सामाजिक सुरक्षा सहायता का काम तेज़ी से चल रहा है। हम सभी उपचुनाव आसानी से जीतेंगे।” पढ़ें- हरियाणा में जीत की हैट्रिक के बाद भविष्य की योजना में BJP