बिहार की राजनीति में जनवरी के आखिरी हफ्ते में नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ खेला किया था। नीतीश के आरजेडी का साथ छोड़ एनडीए में जाने पर लालू प्रसाद यादव समेत पूरा आरजेडी का खेमा गुस्से में हैं। ऐसे में 12 फरवरी यानी सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी सरकार को बिहार विधानसभा के पटल पर अपना बहुमत साबित करना है। इससे पहले एक नया सियासी खेला होने की संभावनाए हैं, क्योंकि राज्य में हलचल तेज होने लगी है। वहीं हैदराबाद भेजे गए कांग्रेस के विधायक भी आज ही वापस पटना लौटने वाले हैं। आरजेडी की तरफ से लगातार दावे किए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार की सरकार गिरने वाली है। इसके चलते यह सवाल उठ रहा है कि क्या पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कोई बड़ा खेला करने के लिए चक्रव्यूह रच दिया है।
दरअसल बिहार विधानसभा में होने वाले प्लोर टेस्ट से पहले सियासी पारा चढ़ा हुआ है। शनिवार को ही आरजेडी के सभी विधायकों को तेजस्वी यादव ने सामान के साथ अपने आवास पर रोक लिया था। इस बीच आरजेडी के नेता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि नीतीश कुमार की सरकार केवल 24 घंटे की मेहमान है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन लोटस’ पर ‘ऑपरेशन लालटेन’ भारी पड़ने वाला है। मृत्युंजय तिवारी के मुताबिक असली खेला होना तो अभी बाकी है।
फ्लोर टेस्ट से पहले आज शाम 5 बजे मंत्री विजय चौधरी ने जेडीयू विधानमंडल की बैठक बुलाई है। बैठक के बाद विधायकों के लिए डिनर का भी आयोजन किया गया है। सीएम नीतीश कुमार भी डिनर में शामिल होंगे। जेडीयू के लिए टेंशन की बात यह है कि मंत्री श्रवण कुमार ने जब लंच का आयोजन किया था, तो उसमें जेडीयू के 45 में से 39 विधायक ही पहुंचे थे। ऐसे में ये सवाल उठने लगा था कि आखिर 6 विधायक कहां गए। हालांकि उस दौरान विधायकों की गैरमौजूदगी को व्यक्तिगत कारण बताया गया था। ऐसे में आज यह देखना अहम होगा कि क्या जेडीयू के सभी विधायक मौजूद होंगे या नहीं।
तेजस्वी ने रचा कोई चक्रव्यूह?
आरजेडी लगातार यह दावा करती रही है कि ऑपरेशन लोटस की फिराक में थी और इसीलिए नीतीश कुमार एनडीए में चले गए। राज्यसभा सांसद ने दावा किया था कि भले ही नीतीश कुमार ने एनडीए में जाकर खेल शुरू किया है लेकिन उसे खत्म आरजेडी ही करेगी। ऐसे में अब आरजेडी नेता का महज 24 घंटे की सरकार होने का दावा करना बताता है कि तेजस्वी यादव पर्दे के पीछे से कोई सियासी चक्रव्यूह तो जरूर बना के बैठे हैं।
इससे पहले जब जेडीयू में नीतीश ने ललन सिंह से राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लिया था, तो उस दौरान ये खबरें सामने आई थीं कि लालू प्रसाद यादव ललन सिंह के साथ मिलकर जेडीयू विधायकों को आरजेडी में पाले में लाने की कोशिश कर रहे थे। नीतीश कुमार को भनक लग गई थी कि ललन सिंह 12 जेडीयू विधायकों को तोड़ने की प्लानिंग भी कर चुके थे और उनकी मुलाकात तेजस्वी और लालू प्रसाद यादव से हुई थी। दावे ये भी थे कि आरजेडी द्वारा इन्हें मंत्री पद और लोकसभा या राज्यसभा का प्रलोभन तक दिया गया था।दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था जो कि आज शाम वापस पटना लौट आएंगे। ये सभी विधायक भी तेजस्वी यादव के घर पर ही रहेंगे।
बीजेपी बोली – हमारी प्लानिंग सेट है
वहीं बीजेपी का दावा है कि तेजस्वी के सारे दावे हवा हवाई है।डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का कहना है कि आरजेडी नेता जानते हैं कि विधायक कभी उनका साथ छोड़ सकते हैं। इसलिए उन्होंने विधायकों को घर में रोका है। बीजेपी सांसद अजय निषाद ने भी दावा किया है कि उनके पास पूरा बहुमत है, इसीलिए सभी अपने अपने विधायकों पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के सभी विधायक पार्टी के संपर्क में हैं। वहीं जेडीयू ने अपने सभी विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दिया है जिन्हें कल विधानसभा में पेश होना ही होगा।