बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव इन दिनों अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटे हुए हैं। बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री तेज प्रताप विधानसभा चुनाव में महुआ विधानसभा सीट से ताल ठोकने के लिए तैयार हैं। पिछले महीने जब उन्हें पार्टी और परिवार से बाहर का रास्ता दिखा दिया था तो यह सवाल खड़ा हुआ था कि तेज प्रताप का राजनीतिक भविष्य क्या होगा?
तमाम अटकलों के बीच तेज प्रताप ने न सिर्फ महुआ सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया बल्कि हाल ही में बिहार के पांच छोटे राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन भी बनाया है।
नीतीश और NDA को मिलेगी मदद
बिहार में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि तेज प्रताप का गठबंधन क्या आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन को मिलने वाले विपक्ष के वोटों में बंटवारा कर सकता है और क्या इससे नीतीश कुमार की अगुवाई वाले NDA को मदद मिल सकती है?
‘तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो वोटर ID कार्ड दिखाया, वह फर्जी है…’
बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं और राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव का ऐलान हो सकता है। उससे पहले राज्य में चुनाव आयोग के द्वारा कराई जा रही Special Intensive Revision (SIR) को लेकर बवाल मचा हुआ है।
आइए, एक नजर डालते हैं कि तेज प्रताप यादव ने जिन पांच दलों के साथ गठबंधन किया है, उनका बिहार में क्या आधार है और क्या वे बिहार की चुनावी राजनीति पर कोई असर डाल पाएंगे?
विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP)
तेज प्रताप के जो नए सहयोगी दल हैं उसमें VVIP सबसे प्रमुख है। इसके अध्यक्ष प्रदीप निषाद हैं, जो ‘हेलीकॉप्टर बाबा’ के नाम से मशहूर हैं। एक वक्त में प्रदीप निषाद VIP के अध्यक्ष मुकेश सहनी के बेहद करीबी थे। उन्होंने इस साल जून में यह पार्टी बनाई है और इसे जहाज चुनाव चिन्ह मिला है। VVIP निषाद-मल्लाह समुदाय की अगुवाई करने का दावा करती है।
VVIP के गठन से निषाद मतदाताओं के वोटों का बंटवारा हो सकता है। बिहार में निषाद समुदाय की आबादी 4 से 8% है और इस समुदाय का असर अररिया, फारबिसगंज और कोसी-सीमांचल क्षेत्र की कुछ सीटों पर है।
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भोजपुरिया जन मोर्चा
भरत सिंह ‘सहयोगी’ के नेतृत्व में यह संगठन शुरू हुआ था और 2023 में एक राजनीतिक दल बन गया। भरत सिंह का कहना है कि बिहार की राजनीति में भोजपुरी संस्कृति और पहचान हाशिये पर है।
प्रगतिशील जनता पार्टी
प्रगतिशील जनता पार्टी खेतिहर मजदूरों और बेरोजगार युवाओं की लड़ाई लड़ने का दावा करती है। इसके संस्थापक मनोरंजन कुमार श्रीवास्तव हैं। उन्होंने 2020 में भी विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें सिर्फ 282 वोट मिले थे।
वाजिब अधिकार पार्टी
वाजिब अधिकार पार्टी के संस्थापक विद्यानंद राम ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगस्त 2017 में उनकी पार्टी चुनाव आयोग में रजिस्टर हुई थी। विद्यानंद राम का कहना है कि तेज प्रताप यादव बड़े राजनेता और बड़े दिल वाले व्यक्ति हैं।
संयुक्त किसान विकास पार्टी
इस पार्टी की स्थापना सुधीर कुमार ने की थी और यह छोटे किसानों की अगुवाई करने का दावा करती है। सुधीर कुमार ने 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और वह तीसरे नंबर पर रहे थे।
बहरहाल, यह सवाल बिहार की राजनीति में मजबूती से बना हुआ है कि क्या बिहार के चुनाव में तेज प्रताप यादव का यह गठबंधन आरजेडी को वाकई नुकसान पहुंचाएगा?
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