Tata To Buy Bisleri : पैकेज्ड वॉटर ब्रांड बिसलेरी (Bisleri) बिक रहा है। कंपनी के मुखिया रमेश चौहान ने इसकी पुष्टि की है। चौहान ने इसका कारण बताया है कि अब कंपनी को आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं है। उनका कहना है कि कई खरीददारों से बातचीत चल रही है। मीडिया की खबरों में कहा जा रहा है कि टाटा (Tata) समूह से डील हो रही है। कंपनी के चेयरपर्सन रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) ने टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) के साथ 7,000 करोड़ रुपये का सौदा पक्का हो जाने की बात से इंकार किया है। हालांकि उन्होंने बातचीत चलने की बात मानी है।
Bisleri का Italy Connection: 1969 में पांच लाख में खरीदी, 7000 करोड़ में बिकने की चर्चा
बिसलेरी को 1969 में पारले एक्सपोर्ट्स ने खरीदा था। पारले समूह कां बंटवारा 1961 में चार चौहान भाइयों में हुआ था। इनमें से एक भाई जयंती लाल चौहान के हिस्से सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार आया था। जयंतीलाल के तीन बेटे थे। इनमें से रमेश उस समय अमेरिका से बिजनेस मैनेजमेंट पढ़ कर आए थे। वह इस कारोबार में शामिल हुए तो उन्होंने सोडा बिजनेस की बात सोची। इसी मकसद से 1969 में रमेश ने बिस्लेरी को खरीदा था। तब इसे इटली के एक कारोबारी ने पांच लाख रुपए में बेचा था।
Ramesh Chouhan ने बिसलेरी के अलावा भी बनाए कई ब्रांड्स
रमेश चौहान ने बिसलेरी को मिनरल वाटर का भारत का टॉप ब्रांड बना दिया। उन्होंने प्रीमियम नेचुरल मिनरल वाटर ब्रांड वेदिका भी बनाया। थम्सअप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माजा और लिम्का जैसे कई ब्रांड बनाने का श्रेय भी रमेश चौहान के ही नाम है। पर, अब उनके बिजनेस को चलाने वाला उनके परिवार में कोई नहीं है। उन्होंने पीटीआई को बताया कि उनकी बेटी की कारोबार में रुचि नहीं है और बिजनेस चलाने वाला कोई तो होना चाहिए। लिहाजा वह इसे बेचने की बातचीत कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) से उनकी बात चल रही है। बिसलेरी को 6,000-7,000 करोड़ रुपए में बेचने की बात हो रही है।
Bisleri के लिए बेटी जयंती ने भी रमेश चौहान के साथ किया खूब काम
रमेश चौहान की बेटी जयंती ने प्रोडक्ट डेवलपमेंट की पढ़ाई की है। लॉस एंजिल्स के फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्चेंडाइजिंग (FIDM) से उन्होंने यह कोर्स किया। इसके बाद वह इस्टिटूटो मारंगोनी मिलानो में गईं। वहां फैशन स्टाइलिंग सीखी। फिर लंदन कॉलेज ऑफ फैशन से जयंती ने फैशन स्टाइलिंग और फोटोग्राफी का कोर्स किया।

जयंती ने भी बिस्लेरी को आगे बढ़ाने में अहम रोल निभाया है। वह अभी कंपनी की वाइस चेयरपर्सन हैं। जयंती 24 साल की उम्र में ही बिसलेरी में आ गई थीं।
रमेश चौहान अब चैरिटी पर देंगे ध्यान, बिस्लेरी में नहीं रखेंगे कोई शेयर
बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान 82 साल के हो गए हैं। चौहान का जन्म 17 जून 1940 को जयंतीलाल और जया चौहान के यहां मुंबई में हुआ था। उनके करीबी उन्हें ‘आरजेसी’ बुलाते हैं। उनका कहना है कि वह बिस्लेरी में अपना कोई हिस्सा नहीं रखेंगे। वह वाटर हार्वेस्टिंग, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग जैसे पर्यावरण और चैरिटी से जुड़े कामों पर ध्यान देंगे।
बेटी कंपनी चलाने की इच्छुक नहीं
भारतीय पैकेज्ड वाटर ब्रांड के चेयरपर्सन 82 वर्षीय रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) ने 1969 में कंपनी की शुरुआत की थी। ऐसा माना जा रहा है कि उनके बाद कंपनी के किसी उत्तराधिकारी के ना होने के रहते वह यह कदम ले रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि वह बिसलेरी का कारोबार क्यों बेच रहे हैं तो उन्होंने कहा कि किसी को इसे संभालना होगा और इस पर गौर करना होगा। चौहान ने पीटीआई को बताया कि उनकी बेटी जयंती को कारोबार संभालने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
Tata ने दिया बिसलेरी खरीदने का संकेत
बिसलेरी को टाटा समूह द्वारा खरीदने की खबरें आने के बाद गुरुवार को एक विज्ञप्ति में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) ने कहा कि कंपनी लगातार अपने कारोबार के विकास और विस्तार के लिए काम करती है। इसके तहत कई कंपनियों के साथ बातचीत चलती रहती है।
पैकेज्ड वाटर सेगमेंट में बिसलेरी की टक्कर कोका-कोला कंपनी के किनले और पेप्सिको इंक के एक्वाफिना से है। कंपनी ने थम्सअप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माज़ा और लिम्का सहित अपने घरेलू सॉफ्ट-ड्रिंक ब्रांडों के साथ लोकप्रियता भी हासिल की है। हालांकि कंपनी ने 1993 में सॉफ्ट-ड्रिंक्स पोर्टफोलियो कोका-कोला को बेच दिया था।
थम्स अप पहले ही एक बिलियन-डॉलर के ब्रांड में बदल चुका है और कोका-कोला का अनुमान है कि फ्रूट ड्रिंक्स ब्रांड माज़ा भी 2024 तक एक बिलियन-डॉलर का ब्रांड बन जाएगा।