Tablighi Jamaat congregation: तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल लोगों में कोरोना पॉज़िटिव का पहला मामला 17 मार्च को सामने आया था। ये केस तेलंगाना में पाया गया था। वहीं 21 मार्च को गृह मंत्रालय ने इस कार्यक्रम में 800 से अधिक विदेशियों के शामिल होने की सूची तैयार की। एमएचए के एक अधिकारी ने कहा “तेलंगाना में तब्लीगी जमात से जुड़े कोरोना पॉज़िटिव के बारे में जानकारी सबसे पहले 18 मार्च को हमारे पास आई। निजामुद्दीन में सम्मेलन में शामिल होने वाला एक इंडोनेशियाई ने 17 मार्च को तेलंगाना की यात्रा की, बाद में यह व्यक्ति कोरोना पॉज़िटिव पाया गया। इसके अगले दिन से ही सभी खुफिया एजेंसियों और मंत्रालय ने उन सभों लोगो को ट्रेस करना शूर कर दिया जो इस सम्मेलन में शामिल हुए थे।”
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लगभग 824 विदेशी 21 मार्च को को, देश के विभिन्न हिस्सों में चीला गतिविधियों को कर रहे थे। इन 824 लोगों का विवरण मंत्रालय ने राज्य पुलिस के साथ साझा किया गया था। ताकि इस विवरण कि मददा से पुलिस उन्हें पहचान सके और ट्रेस कर सके और उन्हें पकड़ कर उनकी स्क्रीनिंग कर उन्हें क्वारंटाइन किया जा सके।
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बयान में आगे कहा गया है कि 21 मार्च को हजरत निजामुद्दीन मरकज में कुछ 1,746 लोग ठहरे थे। यह स्पष्ट नहीं है कि इन लोगों की स्क्रीनिंग या मार्काज़ को खाली करने के लिए 18 से 21 मार्च के बीच क्या कार्रवाई की गई थी। दिल्ली सरकार ने 13 मार्च को किसी भी प्रकार की खेल गतिविधि या सेमिनार के लिए 200 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
दिलचस्प बात यह है कि तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल लोगों कि मेडिकल स्क्रीनिंग 26 मार्च के बाद शुरू की गई जब तेलंगाना में इस सम्मेलन में गए एक शख्स की मौत हो गई।
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