पूरी दुनिया में दहशत का पर्याय बन चुके खूनी संगठन आइएस में शामिल हुआ एक भारतीय ‘रंगरूट’ सीरिया में मारा गया है। शनिवार को उसकी मौत होने की खबर है। आइएस के समर्थकों ने आॅन लाइन संदेश के जरिए उसकी ‘शहादत’ की जानकारी दी।

संदेश में कहा गया है कि कोबान (सीरिया) में जंग के दौरान भारतीय अबू अब्दुल्लाह अल हिंदी को शहादत मिली है। आइएस समर्थक ट्विटर मैगनेटगास 12 ने 14 मार्च को रात 9: 44 बजे मैसेज में लिखा कि‘एक और भारतीय शेर ने कोबान में शहादात पाई है। अल्लाह अब्दुल्लाह अल हिंदी को मंजूर करे।’

इस संदेश के साथ एक फोटो है। इसमें एक लड़ाका मेज के पीछे बैठा है और सामने पिस्तौल रखी है। सुरक्षा एजंसियों का मानना है कि यह ट्विटर चलाना वाला युवक ठाणे का हो सकता है, जो अपने दोस्तों के साथ इराक गया था।

मैगनेटगैस ने शनिवार को हुई इस मौत के बाद एक और ट्वीट में जानकारी दी कि ‘दो भारतीय शेरों अबू उस्मान अल हिंदी और अबू अब्दुल्लाह अल हिंदी ने खिलाफाह में शहादाह हासिल की।’

ट्वीट में भारतीय काल सेंटर कर्मचारी शहीम टंकी की मौत के बारे में भी बताया गया । ट्वीट में संभवतया टंकी का चित्र भी है। टंकी ने उत्तर पूर्व सीरिया में आत्मघाती हमला किया था। सबसे पहले 16 जनवरी को एक संदेश के साथ टंकी का चित्र दिया गया था। संदेश में कहा गया था कि अल-हस्का में हुए आत्मघाती हमले में टंकी की मौत हुई थी।

यहां बता दें कि पिछले साल ठाणे के चार युवक अरीब मजीद, शहाम टंकी, अम्मान तंदेल और फहद शेख आइएस में शामिल होने के लिए पुणे से भाग गए थे। इनमे से मजीद (जो सिविल इंजीनियर था) मौसूल की लड़ाई में घायल होने के बाद तीन माह पहले भारत लौट आया था और इस समय एनआइए की हिरासत में है।