Swati Maliwal Assault Case: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बिभव कुमार पर AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने मारपीट का आरोप लगाया है।
दिल्ली पुलिस ने 18 मई को अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार को गिरफ्तार किया था। बिभव की यह गिरफ्तारी तब हुई थी, जब AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया था कि 13 मई को जब वह सीएम केजरीवाल से उनके सरकारी आवास पर मिलने गई थीं, तब उनके साथ बिभव कुमार ने मारपीट की थी। स्वाति द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, बिभव कुमार ने उनकी छाती, पेट और अंदरूनी जगह पर प्रहार किया था।
बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिसमें महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से आपराधिक धमकी, हमला या आपराधिक बल का प्रयोग तथा गैर इरादतन हत्या का प्रयास शामिल है।
बिभव ने गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दी है चुनौती
इसके बाद से ही बिभव कुमार ने जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने आज बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है और मामले को सुरक्षित रख लिया है। बता दें, बिभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
इससे पहले जस्टिस नवीन चावला की सिंगल बेंच ने सुनवाई के लिए इस मामले को MP/MLA कोर्ट के पास भेज दिया था। एमपी/एमएलए से जुड़े मामलों की सुनवाई जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की पीठ करती है। बिभव कुमार की याचिका पर भी यही पीठ सुनवाई कर रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस मामले में एक पक्ष राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल हैं।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस स्वर्णकांता की बेंच ने कहा कि पहले याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर फैसला लेना होगा। कुछ देर की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मेंटेनेबिलिटी पर फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान बिभव के वकील हरिहरन ने कहा कि इस मामले में जांच अधिकारी को यह देखना चाहिए था कि उसमें गिरफ्तारी की जरूरत है या नहीं, उसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। जवाब देते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि विभव की याचिका मेंटेनेबल नहीं है।
बिभव के वकील ने कहा,’ अर्नेश कुमार के फैसले के आधार पर गिरफ्तारी को चुनौती दी जा सकती है। मैंने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। 4 से 4:30 बजे के आसपास निचली अदालत में सुनवाई हो रही थी, तब मुझे 4:15 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। अगर गिरफ्तारी इस तरह से हो रही है तो अदालत को हस्तक्षेप करना चाहिए।’