फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी की थी, जिसके खिलाफ एक वकील ने स्वरा के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की थी लेकिन अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इसकी सहमति नहीं दी है। अटॉर्नी जनरल ने स्वरा भास्कर के बयान को अवमानना कार्रवाई शुरू करने लायक नहीं माना है।
बता दें कि अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद स्वरा भास्कर ने इस पर अपनी टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘मुझे शक है कि वाकई कोर्ट संविधान में भरोसा करते हैं।’ स्वरा के इस बयान के खिलाफ वकील अनुज सक्सेना ने स्वरा की टिप्पणी को आधार बनाते हुए अटॉर्नी जनरल से मुकदमे की अनुमति मांगी थी। हालांकि अटॉर्नी जनरल ने इसकी अनुमति नहीं दी है।
नियमों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में किसी के खिलाफ अवमानना का मुकदमा अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की सहमति से ही शुरू हो सकता है। अब अटॉर्नी जनरल के इंकार के बाद सॉलिसिटर जनरल से स्वरा भास्कर के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलाए जाने की मांग की जाएगी।
बता दें कि कोर्ट की अवमानना केस में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण का मामला इन दिनों खासा चर्चा में है। कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अवमानना के मामले में दोषी ठहराया है लेकिन कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अपने बयान पर पुनर्विचार करने को कहा है। अदालत ने प्रशांत भूषण को 24 अगस्त तक का समय दिया है ताकि वह बिना शर्त अदालत से माफी मांग लें। हालांकि प्रशांत भूषण ने अपने बयान पर कायम रहने की बात कही है।

