NEWS24 पर डिबेट के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार गुप्तदान लेकर कानून ऐसे बदल देती है कि पता भी नहीं चलता कि किसने गुप्तदान दिया था। सुप्रिया ने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को बोलने की आजादी होती है। लेकिन अब कोई सरकार से सवाल करे तो उसकी नौकरी चली जाती है। उनका कहना था कि संघ RSS को महिलाओं से हमेशा दिक्कत रही है।

सुप्रिया का कहना था कि आज सरकार का विरोध देशद्रोह और सरकार का समर्थन देशभक्ति बन गया है। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि एक पत्रकार ने ट्वीट किया तो उसे जेल हो गई। किसी ने वाराणसी की रिपोर्ट की हो या फिर अस्पताल में कोरोना मरीज की बेटी के पोंछा लगाने की रिपोर्ट, सारे मामलों में पत्रकारों पर देशद्रोह का चार्ज लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया।

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि इन मामलों को देखकर कहीं से लगता है कि लोकतंत्र जीवित है। उन्होंने नौ मंत्रियों के समूह की उस रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि उसमें जिक्र था कि नैरेटिव कैसे कंट्रोल हो। उनका कहना था कि स्वप्नदास गुप्ता कहते हैं कि पत्रकारों को थोड़ा बहुत अलग मसाला दे देना चाहिए। उनका कहना था कि प्रसार भारती के चेयरमैन सूर्यप्रकाश कहते हैं कि सरकार के पास इतनी पॉवर है कि वह किसी को कंट्रोल कर सकती है। उनका सवाल था कि क्या ये ही लोकतंत्र है।

आपातकाल को लेकर ऐंकर के एक सवाल के जवाब में सुप्रिया ने कहा कि आज जिस तरह से चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है क्या वो आपातकाल नहीं है। उनका कहना था कि कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाकर गलती की थी। पार्टी के नेता अलग-अलग प्लेटफार्म पर इसके लिए अपना खेद भी जता चुके हैं। उनका सवाल था कि उस एक घटना को आधार बनाकर आज की सरकार की कारगुजारी को ठीक ठहराना कैसे जायज है।

सपा के घनश्याम तिवारी ने कहा कि भारत के जीते जागते लोकतंत्र को बीजेपी डरपोक तंत्र बना रही है। रोजोना शाम को सरकार के इशारे पर हिंदू-मुस्लिम को लेकर डिबेट शुरू हो जाती हैं। कोरोना संकट के समय तब्लीगी जमात को बेवजह निशाना बनाया गया। उनका कहना था कि सरकार दिशा रवि जैसी एक लड़की से डर रही है या फिर लोगों को डराने में लगी है। उनका कहना था कि सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले योगी आदित्यनाथ को यूपी का सीएम बना दिया गया।

बीजेपी के महेश वर्मा ने कहा कि देश के भीतर होने वाली आलोचना से गुरेज नहीं है, लेकिन देश के मसलों पर पाकिस्तान टिप्पणी करे, यह जायज नहीं है। उनका कहना था कि भारत का लोकतंत्र इतना कमजोर नहीं कि तीसरा देश उसे कमजोर कर सके। ऐंकर ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि मूडीज जैसी एजेंसी जब सरकार की तारीफ करती है तो बीजेपी क्यों कुछ नहीं बोलती। तब भी कहना चाहिए कि दूसरे देश को हम नहीं मानते। महेश वर्मा ने राहुल गांधी के कुछ सवालों पर आपत्ति जताई।