उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से ‘राजनीतिक झगड़ा’ बंद करने और राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्र से बातचीत शुरू करने को कहा। शीर्ष अदालत ने कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान मामलों में वृद्धि को ‘मानवीय संकट’ करार दिया और आप सरकार से कहा कि वह लोगों की जान बचाने के लिए केंद्र सरकार के साथ सहयोग करे।
दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत को आश्वस्त किया कि वह उसके सुझावों का अक्षरश: पालन करेगी और हरसंभव तरीके से केंद्र सरकार के साथ सहयोग करेगी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले पीठ ने कहा, ‘राजनीति चुनाव के लिए है, लेकिन इस मानवीय संकट के समय हर जीवन महत्त्वपूर्ण है और उसे बचाने की आवश्यकता है। कोई भी राजनीतिक झगड़ा नहीं होना चाहिए। आपको केंद्र से बातचीत शुरू करनी है और इस समस्या का समाधान करना है।’ पीठ में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि यह विरोधात्मक मुकदमा नहीं है और सभी पक्षों को समस्या से निपटने के लिए समाधान तलाशना है।
पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा से कहा, ‘आपको यह संदेश सर्वोच्च स्तर तक पहुंचाना है। आप समस्या से निपटने के लिए अपने मुख्य सचिव को केंद्र से बातचीत करने को कहें।’ मेहरा ने पीठ को आश्वस्त किया कि सरकार इस समस्या से निकालने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
शुक्रवार को लगातार नौवां दिन था जब दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण से 300 से अधिक मौतें हुईं। बुलेटिन के अनुसार दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 11,49,333 हो गई जिसमें से 10.33 लाख से अधिक संक्रमण मुक्त हो गए हैं। वहीं मृतक संख्या 16,147 है।
बुलेटिन के अनुसार इस अवधि के दौरान कुल 82,745 नमूनों जांच की गई। दिल्ली में उपचाराधीन मामलों की संख्या 99,361 है। इसके अनुसार दिल्ली में 20,938 बिस्तरों में से मात्र 1,199 खाली हैं। कुल 51616 मरीज घर पर पृथक-वास में ठीक हो रहे हैं।दिल्ली में निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या बढ़कर 37,223 हो गई है।