Arvind Kejriwal News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी डिग्री मामले में गुजरात यूनिवर्सिटी की तरफ से दायर किए गए आपराधिक मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नोट किया कि मुकदमे पर रोक लगाने की केजरीवाल की याचिका हाई कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि हाई कोर्ट 29 अगस्त को सूचीबद्ध तिथि पर मामले पर फैसला करेगा।
गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने दायर की थी याचिका
गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की टिप्पणियों के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में मानहानि का मामला दायर किया था। उन्होंने यह याचिका गुजरात हाई कोर्ट द्वारा RTI के तहत पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री की जानकारी प्रदान करने वाले CEC के आदेश को रद्दने के बाद दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस SVN भट्टी ने कहा कि वे याचिका पर नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं क्योंकि मामला गुजरात हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है और 29 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट और अरविंद केजरीवाल अपनी शिकायतें हाई कोर्ट के सामने उठा सकते हैं।
केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की शुरुआत में उनका पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिंघवी ने कहा कि हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से गलत तरीके से इनकार कर दिया है। विश्वविद्यालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल ने तथ्यों को दबाया है। गुजरात हाई कोर्ट ने 11 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री पर टिप्पणी के संबंध में गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध वाली AAP नेता अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की याचिका खारिज कर दी थी।
इससे पहले गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने केजरीवाल और सिंह को प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के संबंध में उनके “व्यंग्यात्मक” और “अपमानजनक” बयानों पर मानहानि मामले में तलब किया था। मामले को 31 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। बाद में आप के दोनों नेताओं ने मामले में मेट्रोपॉलिटन अदालत के समन को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में एक समीक्षा याचिका दायर की।
सत्र अदालत ने खारिज कर दी थी याचिका
हालांकि, सत्र अदालत ने 7 अगस्त को मुकदमे पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया। सत्र अदालत में समीक्षा अर्जी पर अब 16 सितंबर को सुनवाई होगी। केवल केजरीवाल ने 11 अगस्त के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया।
पटेल द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन और ट्विटर हैंडल पर पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर विश्वविद्यालय को निशाना बनाते हुए “अपमानजनक” बयान दिए। शिकायतकर्ता ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली उनकी टिप्पणियां अपमानजनक थीं और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची, जिसने जनता के बीच अपना एक रूतबा कायम किया है। पटेल ने अपनी शिकायत में कहा, “उनके बयान व्यंग्यात्मक थे और जानबूझकर विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए दिए गए थे।”