सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को ख़त्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया है। केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति के पास आर्टिकल 370 खत्म करने का अधिकार है। केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उचित नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगस्त 2019 का फैसला बना रहेगा। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य के संबंध संविधान में स्पष्ट हैं।

बता दें कि आजादी के बाद से ही आर्टिकल 370 चला आ रहा था। जब 1947 में जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ एक विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए, उसके बाद से ही आर्टिकल 370 अस्तित्व में आ गया। इस पत्र में कहा गया था कि राज्य विदेश मामले, रक्षा और संचार पर भारत सरकार को अपनी शक्ति ट्रांसफर करेगा।

जानिए अनुच्छेद-370 के प्रावधान के बारे में

  • इस आर्टिकल के लागू होने के बाद रक्षा, विदेश, वित्त और संचार मामलों को छोड़कर भारतीय संसद का कोई भी कानून बिना राज्य सरकार की मंजूरी के लागू नहीं हो सकता था।
  • आर्टिकल 370 के लागू होने के बाद जम्मू और कश्मीर के निवासियों की नागरिकता, संपत्ति के मालिकाना हक और मौलिक अधिकारों का कानून अन्य राज्यों के निवासियों से अलग था।
  • अनुच्छेद 370 के बाद अन्य राज्यों के नागरिक जम्मू-कश्मीर में कोई संपत्ति नहीं खरीद सकते थे। साथ ही केंद्र सरकार को राज्य में वित्तीय आपातकाल घोषित करने की शक्ति नहीं थी।

आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद क्या बदलाव आये?

5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को ख़त्म किया गया था। इसके बाद पाकिस्तान भी बौखला गया था। उसने कई बार भारत को इस फैसले को वापस लेने की धमकी दी। घाटी में कई बार पाकिस्तान ने स्थिति बिगाड़ने की कोशिश की, लेकिन हर बार उसे नाकामी हाथ लगी। पाक ने घुसपैठ के जरिये हिंसा फ़ैलाने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

अनुच्छेद 370 ख़त्म होने के बाद जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा खत्म हो गया। इसके हटने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया। हालांकि विपक्षी दल फिर से जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।

आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद घाटी में पत्थरबाजी की घटनाएं लगभग खत्म हो गईं। कई भटके युवा फिर से मुख्यधारा में लौट आये। अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब जम्मू-कश्मीर संयुक्त राष्ट्र के दागी लिस्ट से बाहर हुआ। वहीं पिछले कुछ महीनों से राज्य में पर्यटन में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। घाटी में दशकों बाद सिनेमाघर खुलने लगे हैं और युवाओं को नई उम्मीद नजर आ रही है।