दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के छात्र शर्जील इस्लाम के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया कॉलेज में दंगे उकसाने और भड़काऊ भाषण देने के आरोप में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर दी है। पुलिस ने चार्जशीट दिल्ली की साकेत कोर्ट के मजिस्ट्रेट के सामने फाइल की।

पुलिस का कहना है कि शर्जील इस्लाम ने 13 दिसंबर 2019 को भड़काऊ भाषण दिए थे। इसके बाद जामिया के छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मार्च निकाला। भीड़ ने बड़े स्तर पर दंगे, पत्थरबाजी और आगजनी की। इस दौरान काफी सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। दंगे में कई पुलिसकर्मी और आम लोग घायल हुए थे।

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जांच में मिले सबूतों के आधार पर शर्जील के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए और 153ए (देशद्रोह और दो समुदायों के बीच दुश्मनी भड़काने) के तहत मामला दर्ज कर लिया था। इस मामले में राजेश देव के नेतृत्व में गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने पहली चार्जशीट दाखिल की थी। अब मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में शर्जील के वकील इब्राहिम ने कहा, “यह बकवास है। वे उसे (शर्जील) को किसी इस्लामी संगठन से जोड़ना चाहते हैं।”

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जानें कौन है शरजील इमामः शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद जिले का निवासी है और फिलहाल दिल्ली की जेएनयू यूनिवर्सिटी से आधुनिक इतिहास में पीएचडी कर रहा है। शरजील इमाम के फेसबुक पेज पर दी गई जानकारी के अनुसार, शरजील ने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। इसके साथ ही शरजील आईआईटी बॉम्बे में असिस्टेंट टीचर भी रह चुका है। शरजील ने जेएनयू से ही आधुनिक इतिहास में मास्टर्स और एमफिल की डिग्री ली है।

वीडियो में भड़काऊ भाषण सामने आने के बाद गिरफ्तार हुआ था शर्जील: बता दें कि शरजील इमाम का एक वीडियो हाल ही में काफी वायरल हुआ था। इस वीडियो में शरजील ने कहा था कि 5 लाख लोग हमारे पास ऑर्गेनाइज हों तो हम हिन्दुस्तान और नॉर्थ ईस्ट को परमानेंटली कट कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं कर सकते तो कम से कम एकाध महीने के लिए तो कर ही सकते हैं। वीडियों में नजर आ रहा है कि शरजील ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है। असम और इंडिया कटके अलग हो जाएं, तभी ये हमारी बात सुनेंगे। अगर हमें असम की मदद करनी है तो असम का रास्ता बंद करना होगा फौज के लिए। बंद कर सकते हैं क्योंकि चिकननेक मुसलमानों का है। वो जो इलाका है, मुस्लिमों का है।