घोषी उप चुनाव में जो कुछ हुआ वो हैरत में डालने वाला है। सपा के एक अदने से नेता सुधाकर सिंह ने बीजेपी के दिग्गज दारा सिंह चौहान को धूल चटा दी। वोटिंग हुई तो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि दारा सिंह को हार का सामना करना पड़ेगा और वो भी इतनी बुरी तरह से।

I.N.D.I.A गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी (SP) के सुधाकर सिंह ने जीत दर्ज की। सुधाकर ने बीजेपी के दारा सिंह को 42672 वोटों से हराया। सपा के लिए ये जीत कितनी बड़ी थी, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जीत के बाद सपा नेता शिवपाल यादव ने एक्स पर लिखा- समाजवादी पार्टी जिंदाबाद अखिलेश यादव जिंदाबाद। घोसी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह को कुल 1,24,427 वोट मिले हैं। वहीं बीजेपी के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को कुल 81,668 वोट मिले। इस उपचुनाव में सुधाकर सिंह की 42,759 वोटों के अंतर से जीत हुई है।

दारा सिंह को धूल चटाते ही नेशनल लाइम लाइट में आ गए सुधाकर

सुधाकर सिंह ने जो कुछ किया वो हैरत में डालने वाला था। अपने कारनामे की वजह से वो नेशनल लाइम लाइट में आ गए हैं। आज किसी भी उप चुनाव की सबसे ज्यादा चर्चा है तो वो है घोषी का इलेक्शन। उससे भी ज्यादा चर्चा में हैं सपा के कभी जमीनी वर्कर रहे सुधाकर सिंह। उन्होंने अपना राजनीतिक कैरियर स्टूडेंट लीडर के तौर पर शुरू किया। वो घोषी कॉलेज की स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने थे।

1989 में घोषी कॉलेज की स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने थे सपा नेता

सोशल साइंस में गोरखपुर विवि से पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री करने के बाद सुधाकर सिंह ने एमएलए बनने की जुगत भिड़ाई। वो निर्दलीय लड़े पर चुनाव में बुरी तरह से हार गए। अपना सबसे पहला चुनाव उन्होंने नाथुपुर सीट से लड़ा था। वो 1989 में इस सीट से लड़े थे। वो हारे लेकिन भविष्य की आधारशिला यहीं पर रखी गई, क्योंकि सुधाकर सिंह ने निर्दलीय लड़ने के बाद भी 23.71 फीसदी वोट हासिल कर लिए थे। यानि जीता कोई भी हो पर सुधाकर चर्चा में तो आ ही गए।

उसके बाद वो सपा में आए और जमीनी वर्कर की तरह से पार्टी से जुड़े रहे। राजपूत लीडर सुधाकर सिंह ने सपा को ऐसे समय पर जीत दी जब अखिलेश को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। अखिलेश पिछले दलित और अल्पसंख्यक (PDA) के समीकरण को लेकर सियासत कर रहे हैं। उन्होंने घोषी उप चुनाव में सुधाकर सिंह पर दांव खेला और सुधाकर ने उनको निराश नहीं किया। हालांकि सुधाकर पहले भी दो बार एमएलए बन चुके हैं। अलबत्ता घोषी में उन्होंने दारा सिंह जैसे दिग्गज ओबीसी नेता के कैरियर पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। 64 साल के सुधाकर पिछले तीन दशकों से सपा में राजनीति कर रहे थे। फिलहाल वो मऊ जैसी जगह से जीतकर स्टार बन चुके हैं। मऊ को मुख्तार अंसारी का गढ़ माना जाता है।