केंद्र सरकार द्वारा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE MAINS) की परीक्षा कराने के फ़ैसले का विरोध हो रहा है। विपक्ष इसे लेकर सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है। बीजेपी नेता और राज्यसभा सासंद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इसका विरोध किया है और इसे लेकर एक ट्वीट किया है।

स्वामी ने ट्वीट कर लिखा “NEET, JEE एग्जाम को लेकर देश में ‘विपरीत बुद्धि’ वाला कौन है यह तो वक़्त बताएगा।” स्वामी के इस ट्वीट पर कुछ यूजर्स उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा “आपके स्वभाव को देखकर आश्चर्य हो रहा है। जिन छात्रों को अपनी सेहत की ज्यादा चिंता है वह अगले साल परीक्षा दे सकते हैं। लेकिन बाकियों को तो बैठने दो, नहीं तो अगले साल कम्पटीशन और बढ़ जाएगा। एक यूजर ने लिखा “बीजेपी में अब इनकी सुनता भी कौन है। जो इनके कहने पर परीक्षा पोस्टपोन कर देते। इनकी एंट्री के बाद ही मामला पॉलिटिकल हो गया है।”

इससे पहले स्वामी ने इन परीक्षाओं की तुलना आपातकाल के दौरान की गई नसबंदी से की थी। स्वामी ने कहा था कि इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी ने जो गलती की थी, मोदी सरकार वही गलती करने जा रही है। स्वामी ने कहा इस समय नीट और जेईई एग्जाम कराना इंदिरा गांधी के नसबंदी प्रोग्राम जैसी बड़ी गलती होगी, जिसके कारण उस समय इंदिरा गांधी की सरकार गिर गई थी। अभी NEET और JEE आयोजित कराने का खामियाजा मोदी सरकार को भी भुगतना होगा।

स्वामी के अलावा सोनिया गांधी से लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक सभी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। इसे लेकर सोनिया गांधी और ममता बनर्जी एकसाथ गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की संयुक्त बैठक की है। ममता बनर्जी ने का कहना है कि ऐसे वक्त में जब छात्र काफी परेशान हैं तो हम केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रिव्यू की मांग कर सकते हैं।

ममता बनर्जी ने कहा कि छात्रों के तैयार नहीं होने के कारण उन्होंने JEE/NEET परीक्षाएं टलवाने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों से एक साथ सुप्रीम कोर्ट का रूख करने का अनुरोध किया है। ममता बनर्जी ने कहा, सहकारी संघवाद के नाम पर केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘कुचल’ डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं।