संसद में मानसून सत्र जारी है, ऐसे में दोनों ही सदनों में नेताओं की आवाजाही बढ़ी हुई। इसी दौरान संसद में दो कद्दावर नेताओं का आमना-सामना हो गया। अक्सर एक दूसरे पर तल्ख राजनीतिक टिप्पणियां करने वाले सुब्रमण्यम स्वामी और दिग्विजय सिंह, दिल खोलकर मिलते नजर आए। भगवा कोटी पहने स्वामी फोन पर किसी से बातों में मशगूल थे कि तभी वहां दिग्विजय सिंह पहुंच गए। दोनों नेताओं ने काफी देर तक एक दूसरे के साथ चर्चा की। इस दौरान स्वामी, दिग्विजय सिंह की किसी बात पर ठहाका लगाते हुए भी दिखाई दिए।
चर्चाओं का सिलसिला उस वक्त भी जारी रहा, जब सुब्रमण्यम स्वामी कार में सवार हो चुके थे। कार में बैठने के बाद दिग्विजय सिंह को वह अपने फोन में कुछ दिखाते हुए नजर आए। राजनीतिक कारणों से भले ही नेताओं के बीच मनमुटाव प्रतीत होता हो लेकिन सदन में यह नेता अक्सर एक दूसरे का सामना, आदर-सत्कार, मुस्कुराहट और हंसी के साथ करते हैं।
अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं स्वामी: सुब्रमण्यम स्वामी राजनीति में अपने बेबाक अंदाज के लिए ही जाने हैं। वह तथ्यों के साथ विरोधियों पर भी बरसते हैं, कई बार अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी से गुरेज नहीं करते हैं। स्वामी का यही अंदाज उन्हें भीड़ से अलग बनाता है लेकिन कई बार वह अपने लिए मुश्किलें खड़ी कर लेते हैं। हाल ही में उन्होंने पेगासस विवाद को लेकर खुलकर टिप्पणी की है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा कि पेगासस स्पाईवेयर एक कमर्शियल कंपनी है, जो रुपये लेकर ही अपना काम करती है। ऐसे में सरकार को लेकर सवाल उठना लाज़मी है। लोगों को पता लगना चाहिए कि भारतीय पर जासूसी के लिए उन्हें पैसे किसने दिए। अगर भारत सरकार ने उन्हें पैसे नहीं दिए है तो जानना जरूरी हो जाता है कि आख़िर किसने दिए।
पेगासस को लेकर मानसून सत्र में जमकर हंगामा हुआ। आज लगातार चौथा दिन हंगामे की भेट चढ़ गया। सरकार के अनुरोध के बाद आज टीएमसी सांसद शांतनु सेन को मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। उन्होंने आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के हाथ से उस बयान की कॉपी छीनकर फाड़ दी थी।