बीजेपी से नाराज चल रहे राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने अब बीजेपी शासित राज्य हिमाचल प्रदेश की सरकार को निशाना बनाते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने गैर हिंदुओं को ज्वालामुखी मंदिर के देखरेंख की जिम्मेदारी सौंप दी है। साथ ही उन्होने कहा है कि मंदिरों पर भी सरकार का कब्जा है।

राज्यसभा सांसद ने ट्वीट किया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने गैर-हिंदुओं को ज्वालामुखी मंदिर का संचालन करने के लिए नियुक्त किया है। ज्वालामुखी मंदिर एक शक्ति पीठ है। हिमाचल सरकार ने अधिकांश मंदिरों को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है। राजनेता और अधिकारी हिंदू मंदिरों को अपनी निजी जागीर के रूप में चलाते हैं। मंदिर प्रशासन सीधे सीएम के अधीन आता है। इससे पहले भी कई मौकों पर सुब्रमण्यम स्वामी लगातार केंद्र की भाजपा सरकार पर भी सवाल उठाते रहे हैं।

सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के बयान पर जवाब देते हुए कांगड़ा के डीसी ने कहा है कि दोनों को पिछली सरकार द्वारा साल 2017 में नियुक्त किया गया था। लोगों ने मंदिर के आसपास उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जतायी थी, भले ही वे मंदिर के बाहर ही तैनात थे। इसलिए मैंने उन्हें 50 किलोमीटर दूर जिले में स्थानांतरित कर दिया और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें मुख्यालय में बुलाया गया है।

कोरोना वैक्सीन को लेकर उठाया था सवाल: इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टीका लगवाने के बाद 71 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 70 ने ऑक्सफोर्ड AZ वैक्सीन लगवायी थी। जिसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट के द्वारा किया जा रहा है।

स्वामी ने ट्वीट किया था कि नीति आयोग की तरफ से इस मुद्दे पर रिपोर्ट देने की बात कही गयी थी लेकिन अब तक रिपोर्ट सामने नहीं आने के कारण मैं पार्लियामेंट हेल्थ स्टैंडिंग कमेटी से उसे समन जारी करने की मांग करता हूं।