JNU में फीस बढ़ोतरी पर स्टूडेंट्स के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री और BJP के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने चुप्पी तोड़ी है। मंगलवार (19 नवंबर, 2019) को उन्होंने कहा है कि फीस वापसी तो महज बहाना है, इन छात्रों का मकसद तो विवि को शहरी नक्सलियों का गढ़ बनाना है।
मोदी के मंत्री के मुताबिक, “फीस वापसी की मांग महज बहाना है। जेएनयू छात्रों के लिए 300 रुपए कुछ भी नहीं हैं। न ही वे इस रकम की कद्र करते हैं। वे (कथित टुकड़े-टुकड़े गैंग वाले) हमेशा अच्छे छात्रों, शिक्षकों और पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। वे अफजल गुरु जैसे आतंकियों की बरसी मनाते हैं। इस तरह की चीजें देश स्वीकार नहीं करेगा।”
यही नहीं, जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन को सही ठहराने पर सीनियर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को भी उन्होंने घेरा। कहा- दिग्विजय को नहीं पता है कि यह धरा गुरुकुल की है और गुरु को हमेशा भगवान के बराबर माना जाता है। ये छात्र हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं। छात्र पढ़ने के लिए कॉलेज जाते हैं, न कि गुंडई करने।
गिरिराज ने आगे आरोप लगाया कि राजधानी में किए गए काम से विपक्ष नाखुश है और यही वजह है कि वह संसद के काम को सही से चलने नहीं देना चाहता है।
इसी बीच, जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने सोशल मीडिया के जरिए पूरे प्रकरण को लेकर सवाल उठाते हुए एक लेख लिखा है।
उन्होंने ट्वीट किया, जिसमें शीर्षक था, ‘फीस बढ़ाना जरूरत है या फिर साजिश?’ हालांकि, उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उन्हें ट्रोल भी किया और पूछ दिया कि आप लोग आदतन गद्दार हैं या फिर जेएनयू में जाकर बने?
@godoftrolls1 टि्वटर हैंडल से लिखा गया- 10 रुपए भी ज्यादा लग रहे हैं। आठ लाख रुपए बैंक बैलेंस लेकर बैठे हैं। आईफोन 8 भी है। ट्रैवल बिजनेस क्लास में करते हैं और फिर भी गरीब होने की नौटंकी करते हैं। आप लोगों को ‘फ्री’ का खाने की आदत पड़ चुकी है क्या?