लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी से नाराज हुए नेताओं को मनाने का फैसला लिया है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने या तो आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था या फिर भाजपा में शामिल हो गए थे। साथ छोड़कर गए नेताओं को मनाने के लिए पार्टी ने तय किया है कि उनसे संपर्क किया जाएगा और दोबारा से पार्टी में लौट आने की अपील की जाएगी, ताकि संगठन को मजबूत बनाया जा सके।

प्रदेश कार्यालय में बुधवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव से पूर्व बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन को मजबूत बनाने को लेकर बैठक की गई थी। हालांकि, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की यह पहल कितनी सफल साबित होगी और रुठों को मानने में पार्टी को कितनी सफलता मिलेगी। यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा।

वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता डा नरेश कुमार ने बुधवार को बताया कि पार्टी छोड़कर गए कई नेताओं ने पिछले दिनों प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार से संपर्क साधा था। कई नेता पार्टी में वापसी करने का रास्ता भी तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़कर गए नेता दूसरे दलों में जाने के बाद ठगा महसूस कर रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व एक बार फिर से अपनी पुरानी पार्टी में लौटेंगे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव हो या फिर हाल में हुए दिल्ली नगर निगम का चुनाव। पार्टी के कई नेता आम आदमी पार्टी और भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, कुछ बड़े चेहरे पार्टी में लौट आए हैं। पर कई ऐसे हैं, जो आज भी दूसरे पार्टी में बने हुए हैं। ऐसे में उन नेताओं से पार्टी के वरिष्ठ नेता संपर्क करेंगे और उनसे अपील करेंगे कि वह लौट आएं।

कांग्रेस के बड़े चेहरों की बात करें तो पश्चिमी दिल्ली के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी का दामन निगम चुनाव से ठीक पहले थाम लिया था। वहीं, दिल्ली विधानसभा में अध्यक्ष योगानंद शास्त्री एनसीपी के साथ चले गए थे। दिल्ली नगर निगम चुनाव परिणाम आने के बाद निगम पार्षद व दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष अली मेहंदी अपने समर्थकों व दो नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। पर मात्र 18 घंटे बाद ही पार्टी में दोनों पार्षदों के साथ लौट आए थे।