सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बड़ा झटका दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नेम प्लेट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुकानदार खाने का प्रकार लिखें और दुकानों पर उनका नाम लिखना जरूरी नहीं है। वहीं इस मुद्दे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कसा है।

अखिलेश ने कहा- सौहार्दमेवजयते

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “एक नयी ‘नाम-पट्टिका’ पर लिखा जाए: सौहार्दमेवजयते!”

इसके साथ ही अखिलेश यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “मैंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और इस तरह की कार्रवाई को रोकना चाहिए। सरकार ऐसे कई कदम उठाएगी क्योंकि जब सांप्रदायिक राजनीति ख़त्म हो जाएगी तो ये लोग ऐसा ही करेंगे।”

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NEET मुद्दे पर बोले अखिलेश

अखिलेश यादव ने NEET मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “यह कैसे संभव है कि एक ही सेंटर पर इतने सारे छात्रों को इतने अंक मिलें। यह सरकार और उस संस्थान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है जो इतनी बड़ी परीक्षा आयोजित कर रहा है। इस सरकार ने पेपर लीक का एक रिकॉर्ड बनाया है।”

अखिलेश यादव ने X पर अपने पोस्ट ‘मानसून ऑफर: 100 लाओ, सरकार बनाओ’ पर कहा, “अभी बारिश हो रही है। फिर विंटर का ऑफर आएगा। अपनी कुर्सी बचाने के लिए दुकानों के बाहर मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने को कहा है। सच तो यह है कि इसमें दिल्ली और लखनऊ की सरकारें एक साथ हैं।”

कांग्रेस ने भी किया फैसले का स्वागत

‘कांवड़ यात्रा मार्ग में नेमप्लेट’ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस ने भी स्वागत किया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “हमने इसका पुरजोर विरोध किया था क्योंकि यह संविधान विरोधी है। अगर मैं अपनी दुकान पर अपनी जाति और अपना धर्म लिखता हूं तो यह दलित विरोधी, आदिवासी विरोधी, मुस्लिम विरोधी, अल्पसंख्यक विरोधी है। हम इसका विरोध करते हैं।”