आर्थिक मंदी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। शनिवार को सोनिया गांधी ने अर्थव्यवस्था के प्रबंधन को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने क्षेत्रीय आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के निर्णय पर भी सवाल उठाया। इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों और राजनीतिक व्यक्तियों की जासूसी करने का भी आरोप लगाया।
सोनिया गांधी ने 10 दिन के देशव्यापी आंदोलन की तैयारियों की समीक्षा के लिए पार्टी की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। गौरतलब है कि विपक्षी पार्टी 5 नवंबर से केंद्र सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करने की तैयारी में है। इस दौरान सोनिया गांधी ने पहली बार व्हाट्सएप जासूसी पर बोलते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार इज़राइली पेगासस सॉफ़्टवेयर के माध्यम से कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और राजनीतिक व्यक्तियों जासूसी करावा रहे हैं। ये गतिविधियाँ न केवल अवैध और असंवैधानिक हैं, बल्कि ये शर्मनाक भी हैं।
इससे पहले कांग्रेस ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ””बेईमान सरकार”” ने इस मामले से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब नहीं दिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ”” बेईमान भाजपा सरकार ने जासूसी मामले पर वाजिब सवालों के जवाब देने से इनकार किया।”” उन्होंने सवाल किया, ””भारत सरकार में किसने स्पाइवेयर की खरीदारी की? प्रधानमंत्री या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार में से किसने इसकी खरीद की इजाजत दी?””
सुरजेवाला ने यह भी पूछा, ””अगर फेसबुक ने मई, 2019 में सरकार को सूचित किया तो सरकार खामोश क्यों रही? जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी?”गौरतलब है कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने कहा है कि इजराइल के स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयों की वैश्विक स्तर पर जासूसी की गई। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं।
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(भाषा इनपुट्स के साथ)