संशोधित नागरिकता कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अब विपक्षी पार्टियों ने भी आगामी बजट सत्र में इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बनायी है। इसकी बानगी आज संसद परिसर में देखने को मिली, जब दर्जनभर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने एकजुट होकर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ नारेबाजी की।

खास बात ये है कि इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की और इस दौरान वह खुद भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करती नजर आयीं। नारेबाजी के दौरान विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने ‘जहरीली और नफरत की राजनीति’ करने का आरोप लगाया।

नारेबाजी के दौरान नेताओं ने सरकार पर देश, संविधान और लोकतंत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाया। विरोध प्रदर्शन के दौरान नेता ‘सेव इंडिया’, ‘सेव कॉन्सटिट्यूशन’ और ‘सेव डेमोक्रेसी’ जैसे प्लेकार्ड भी हाथ में पकड़े नजर आए।

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बता दें कि संसद के बजट सत्र की आज शुरूआत हो रही है। आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रुप से संबोधित करेंगे। बजट सत्र दो सत्रों में होगा, जिसमें पहला सत्र 31 जनवरी से लेकर 11 फरवरी तक होगा। वहीं दूसरा सत्र 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने बीते दिनों संशोधित नागरिकता कानून बनाया है, जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। हालांकि इस कानून से मुस्लिमों को बाहर रखा गया है। जिसका देश में विरोध हो रहा है। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि सीएए कानून देश के संविधान का उल्लंघन है, जिसका आधार सेक्यूलर रखा गया है।

दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में सीएए के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब देश के कई अन्य हिस्सों में भी फैल गया है। गौरतलब है कि सरकार एनपीआर (नेशनल पॉप्यूलेशन रजिस्टर) लागू करने जा रही है। इसके साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह असम की तरह ही पूरे देश में एनआरसी लागू करने की बात कह चुके हैं।