सोनम वांगचुक को एनएसएस के तहत शुक्रवार को हिरासत में लिया गया था। उन पर लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भड़काने का आरोप है। यह प्रदर्शन हिंसक हो गया और 24 सितंबर को लेह में पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई। एनएसए सरकारों को सार्वजनिक व्यवस्था या नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा माने जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पहले से कार्रवाई करने का अधिकार देता है।
फिर भी पिछली साल की तरह ही सरकार के प्रमुख कार्यालय वाटर कंजर्वेशन, क्लीन एनर्जी, टूरिज्म और यहां तक कि पश्मीना जैसे विविध विषयों पर मार्गदर्शन के लिए क्लामेट एक्टिविस्ट से संपर्क कर रहे थे। आधिकारिक रिकॉर्ड से पता चलता है कि वांगचुक लद्दाख में केंद्र के प्रमुख कार्यक्रमों, जैसे आजादी का अमृत महोत्सव समारोह और विश्व धरोहर सप्ताह को सुर्खियों में लाने के लिए भी जाने-माने व्यक्ति थे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इतना ही नहीं अप्रैल 2022 में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और महाराष्ट्र के तत्कालीन शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने वांगचुक को “हमारे राष्ट्र की बेहतरी, खासकर हमारे छात्रों के कल्याण के लिए मिलकर काम करने” के लिए सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया। वांगचुक 2018 से महाराष्ट्र इंटरनेशनल एजुकेशन बोर्ड के सदस्य थे, जब उन्हें देवेंद्र फडणवीस सरकार ने नियुक्त किया था।
ब्रीद पाकिस्तान क्लाइमेट इवेंट में ये एक्सपर्ट भी थे शामिल
वांगचुक की इस्लामाबाद की हालिया यात्रा का हवाला लद्दाख के डीजीपी डॉ. एसडी सिंह जामवाल ने कार्यकर्ता की विश्वसनीयता पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाने के लिए दिया था, लेकिन फरवरी में डॉन समूह द्वारा आयोजित ब्रीद पाकिस्तान क्लाइमेट इवेंट में भाग लेने वाले वे एकमात्र इंडियन एक्सपर्ट नहीं थे। नोएडा में मौजूद सतत संपदा क्लाइमेट फाउंडेशन के फाउंडिंग डायरेक्टर हरजीत सिंह इस दो दिवसीय कार्यक्रम में अन्य भारतीय प्रतिनिधि थे। इसमें वर्ल्ड बैंक ग्लोबल डायरेक्टर फॉर क्लाइमेट चेंज वैलेरी हिकी, यूएनईपी के रीजनल एडवाइजर अबान मार्कर काबराजी, और यूनिसेफ की दक्षिण एशिया जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा सलाहकार रक्ष्या आर थापा भी शामिल थे।
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पर्यावरणविद् और सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की डायरेक्ट जनरल सुनीता नारायण भी इसमें शामिल थीं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों की वजह से वे इसमें शामिल नहीं हो सकीं। दो भारतीय पत्रकार मीडिया प्रतिनिधि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। हरजीत सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “एक एनर्जी एक्सपर्ट होने के नाते, मैं दुनिया भर के कार्यक्रमों में भाग लेता हूं। फरवरी में मैंने इस्लामाबाद में एक चर्चा में भाग लिया था।”
वांगचुक की लड़ाई को अर्जुन मुंडा ने स्वीकार किया था
वांगचुक पर लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की प्रक्रिया को बाधित करने और दूषित करने का भी आरोप लगाया गया है। हालांकि, दिसंबर 2019 में, तत्कालीन केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने लद्दाख को अनुसूचित क्षेत्र का दर्जा दिलाने के लिए वांगचुक की लड़ाई को स्वीकार किया था। 24 दिसंबर 2019 को लिखे एक पत्र में मुंडा ने वांगचुक को लिखा, “मैं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में रहने वाले लोगों की पहचान और संस्कृति को संरक्षित करने की आवश्यकता पर आपकी चिंताओं की सराहना करता हूं, जिसमें अनुसूचित क्षेत्र का दर्जा प्रदान करना भी शामिल है। मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि मेरे मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को छठी अनुसूची क्षेत्र घोषित करने पर विचार करने के लिए गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव पहले ही भेज दिया है।”
23 जनवरी 2020 को दिए गए अपने जवाब में वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह में लद्दाख का विश्वास बहाल करने के लिए मंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि वे “भारत के मुकुट, अत्यंत देशभक्त लोगों से आबाद लद्दाख के हितों को कभी निराश नहीं करेंगे।” वांगचुक ने यह भी लिखा, “इन पहाड़ों में भारत की सबसे बड़ी सुरक्षा संपत्ति, उसकी बंदूकें और रॉकेट नहीं हैं, बल्कि लद्दाख के लोग हैं। ऐसा कुछ जिसका दावा न तो चीन और न ही पाकिस्तान सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने स्थानीय लोगों के बारे में कर सकते हैं।”
सत्यपाल मलिक से वांगचुक ने की थी मुलाकात
फिर अगस्त 2019 में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए वांगचुक द्वारा प्रधानमंत्री को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद देने से बहुत पहले, वह तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के प्रमुख सलाहकार थे। उन्होंने एजुकेशन सिस्टम में सुधारों पर चर्चा करने के लिए फरवरी में राजभवन में उनसे मुलाकात की थी। जुलाई 2020 में, लद्दाख के पहले उपराज्यपाल आरके माथुर ने वांगचुक से मुलाकात कर भविष्य के लद्दाख एजेंडे पर चर्चा की थी। इसमें क्षेत्र के विकास के लिए क्लीन एनर्जी पर फोकस करते हुए क्षेत्र को पॉल्यूशन फ्री रखना शामिल था।
मार्च 2023 में वांगचुक का स्वागत माथुर के उत्तराधिकारी ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा ने भी किया था, जब उन्होंने नए उपराज्यपाल का स्वागत अपने गांव के फेमस सासपोला/करकेचु सेबों के साथ किया था और “जल, पश्मीना और सोलर एनर्जी में सहयोग पर चर्चा की थी। वांगचुक ने लद्दाख के बीजेपी सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल के साथ भी कई मौकों पर मंच साझा किया। केंद्र के सहयोग से स्थानीय अधिकारियों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में उन्हें नियमित रूप से बुलाया जाता था। इनमें शामिल हैं:
23 फरवरी 2021: लद्दाख शीतकालीन सम्मेलन, पर्यटन विभाग।
3 दिसंबर 2021: युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत नेहरू युवा केंद्र (कारगिल) के वेबिनार में मुख्य वक्ता, जल शक्ति अभियान-2 के तहत लद्दाख में जल संरक्षण और प्रबंधन पर।
27 अप्रैल 2022: लद्दाख के टिंगमोसगंग में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत सहकारिता आंदोलन और जागरूकता शिविर।
21 अक्टूबर 2022: लद्दाख के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एनसीईआरटी के साथ डिजिटल डिजिटल कंटेट क्रिएशन।
25 नवंबर 2022: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा वर्ल्ड हेरिटे वीक।
26 जुलाई 2023: वाटर विजन 2047 के भाग के तौर पर एलजी के सलाहकार डॉ. पवन कोतवाल द्वारा स्प्रिंगशेड मैनेजमेंट का उद्घाटन किया गया।
3 मई 2023: लद्दाख सांस्कृतिक मंच का स्थापना दिवस, लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल के साथ।
10 जनवरी 2024: लेह में ड्रिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड में सोशल, इमोशनल और एथिकल लर्निंग वर्कशॉप।