दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि गिरफ्तारी से बचते फिर रहे दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सोमनाथ भारती पार्टी और अपने परिवार के लिए शर्मिंदगी की वजह बन रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। केजरीवाल ने आज ट्वीट किया कि सोमनाथ को पुलिस के सामने सरेंडर करना चाहिए और उन्‍हें इस केस में सहयोग करना चाहिए।


केजरीवाल ने लिखा कि सोमनाथ को जेल जाने का डर क्‍यों है। आखिर सोमनाथ भाग क्यों रहे हैं। अब वे पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने आप विधायक और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है। अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने उन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

भारत की याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपों के समर्थन में दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं। भारती की याचिका खारिज होने के बाद पुलिस ने उनकी तलाश में उनके ठिकानों पर दबिश दी। लेकिन वो मिले नहीं। हालांकि पुलिस ने मंगलवार शाम भारती के बारे में पता करने के लिए उनके भाई एकनाथ भारती और निजी सचिव को पकड़ लिया।

भारती की याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि एक विधायक होने के नाते उन्हें अपनी पत्नी और बच्चों के प्रति और अधिक उदारता और जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। अदालत ने कहा कि मौजूदा मामला आइपीसी की धाराओं 498-ए, 406 के तहत अपराधों का कोई सामान्य मामला नहीं है, क्योंकि फरियादी जघन्य हमलों के साथ क्रूरता सहन करती रही।

यह शिकायती की ओर से याचिकाकर्ता (भारती) को 20 मार्च, 2013 को भेजे गए एक ईमेल से स्पष्ट है। जज ने कहा कि पहले उन्हें आर्थिक कठिनाइयां थीं, इसलिए हर बार उन्होंने अपनी पत्नी के साथ समझौता किया। लेकिन विधायक चुने जाने के बाद वह अपनी पत्नी की भावनाओं और विश्वास को नहीं जीत सके।

अदालत ने भारती की अग्रिम जमानत अर्जी पर आदेश आने तक उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्राप्त होने के बाद आधी रात के बाद थाने पहुंचने के उनके नाटकीय अंदाज को लेकर भी उनकी खिंचाई की। अदालत ने कहा कि अगर उन्हें पुलिस थाने जाना इतना ही अच्छा लगता है तो वे उन्हें यहां से भेज देंगे। अदालत ने कहा, ‘एक बार आपको राहत मिल जाए तो आप शेर की तरह यहां-वहां जाने लगते हैं।’

जज ने कहा कि इस अदालत के 15 सितंबर, 2015 के आदेश के तहत सरंक्षण मिलने के बाद भारती देर रात दो बजे थाने पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को उनकी मौजूदगी दर्ज करने के लिए बाध्य किया। किसी भी तरीके से उनके इस आचरण को सराहा नहीं जा सकता। उन्होंने अदालत से मिले संरक्षण का दुरुपयोग किया।

याचिका खारिज होने के बाद भारती के वकील विजय अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि विधायक को गिरफ्तार किया जा सकता है। लेकिन अन्य कानूनी विकल्प अभी भी है और कई दरवाजे अब भी खुले हैं।

हाई कोर्ट ने 17 सितंबर को भारती को गिरफ्तारी से राहत देते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

अदालत ने लिपिका की इस बारे में मेडिकल रिपोर्ट पर भरोसा किया कि जब वह गर्भवती थीं तो भारती ने उन पर कुत्ता छोड़ दिया था। अदालत ने भारती को राहत देने से इनकार करते हुए इस तथ्य को भी संज्ञान में लिया कि वह मालवीय नगर थाने में दर्ज दो और मामलों में कथित तौर पर शामिल थे। इनमें एक मामला छेड़छाड़ का है। अदालत ने कहा कि आप विधायक के खिलाफ आरोप मामूली नहीं हैं बल्कि दस्तावेजी सबूतों के साथ हैं।

निचली अदालत में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने और गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भारती हाई कोर्ट गए थे।
लिपिका मित्रा ने इस साल दस जून को दिल्ली महिला आयोग में अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी।

उनका आरोप था कि भारती 2010 में उनकी शादी के बाद से उसके साथ मारपीट करते रहे हैं। लिपिका ने इसकी पुलिस में भी शिकायत की थी। दिल्ली पुलिस ने भारती के खिलाफ आइपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश), 498 ए (पत्नी के प्रति क्रूरता), 324 (खतरनाक हथियार से जानबूझकर चोट पहुंचाना), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 313 और 511 (महिला की रजामंदी के बिना गर्भपात कराने की कोशिश करना), 420 (धोखाधड़ी) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया था।