अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने फिर से चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी मस्जिद वापस चाहते हैं। शुक्रवार (15 नवंबर, 2019) को ट्वीट कर उन्होंने कहा, “मुझे मेरी मस्जिद वापस चाहिए।”
फिर क्या था, एआईएमआईएम नेता के इसी ट्वीट पर लोगों ने उन्हें निशाने पर ले लिया। ट्रोल करते हुए टि्वटर यूजर्स बोले कि अगर आपको अपनी मस्जिद चाहिए तो आप 16वीं शताब्दी में चले जाइए, क्योंकि मुगलकालीन भारत नहीं है।
एक अन्य यूजर ने लिखा, “ज्यादा पीछे मत भेज देना, वरना राम मंदिर ही मिलेगा।” वहीं, कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने ओवैसी के ही अंदाज में लिखा- हमें अपने मंदिर चाहिए और लोग चाहिए। दरअसल, ओवैसी ने हाल ही में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद केस और सुप्रीम कोर्ट के फैसले समेत विभिन्न मुद्दों पर ‘outlook india’ से बात की थी।
उन्होंने उसी बातचीत से जुड़ी खबर का लिंक साझा करते हुए यह ट्वीट किया, जिसमें खबर का शीर्षक था- ‘I Will Oppose Anything That Is Against India’s Constitution And Pluralism’ (मैं हर उस चीज का विरोध करूंगा, जो देश के संविधान और बहुलवाद के खिलाफ होगी।)
ओवैसी के इस ट्वीट पर देखें बाकी लोगों की प्रतिक्रियाएंः
और क्या इंटरव्यू में बोले ओवैसी?: आउटलुक की प्रीथा नायर ने इस इंटरव्यू में ओवैसी से पूछा था- आपने कहा अयोध्या फैसले में कानून पर आस्था की जात हुई…? जवाब आया, “यह दोनों पक्षों में सिविल सूट था। कोर्ट ने कहा कि ऐसी ढेर सारे लोगों की मान्यता है कि श्रीराम का जन्म मस्जिद के नीचे हुआ था, जिसे 1992 में ढहा दिया गया था। मुझे इसलिए लगता है कि कानून पर आस्था की जीत हुई है।”
दूसरा बिंदु उकेरते हुए AIMIM नेता ने आगे कहा- क्या मस्जिद नहीं गिराई गई, क्या उसी के हिसाब से फैसला आया? तीसरी बात यह कि हमारी लड़ाई जमीन के टुकड़े के लिए नहीं थी। यह हमारे कानूनी अधिकारों को सुनिश्चित कराने के लिए थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मस्जिद बनाने के लिए किसी मंदिर को नहीं ढहाया गया, इसलिए मुझे मेरी मस्जिद वापस चाहिए।