केंद्र सरकार के द्वारा देश की दस इन्वेस्टिगेटिव एजेंसियों को लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की निगरानी और जासूसी का अधिकार दिए जाने के बाद उपजे विवाद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी हमला बोला है। राहुल गांधी ने इस विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘असुरक्षित तानाशाह’ तक बता दिया। पीटीआई की खबर के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा, भारत को पुलिस राज्य में परिवर्तित करने से आपकी समस्याएं हल नहीं होंगी, इससे केवल यह साबित होता है कि आप ‘असुरक्षित तानाशाह’ हैं।” बता दें कि गुरुवार (20 दिसंबर) को राजपत्र में गृहमंत्रालय की ओर से इस बाबत अधिसूचना प्रकाशित की गई थी। अधिसूचना के मुताबिक गृह मंत्रालय के साइबर सुरक्षा एवं सूचना विभाग ने इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी एक्ट के सेक्शन 69 (1) के तहत 10 एजेंसियों को अधिकार दिया है कि वे स्वतंत्र रूप से मोबाइल, टेबलेट, लैपटॉप और कम्प्यूटर जैसे इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों की निगरानी और जासूसी कर सकती हैं।
गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि राजपत्र में प्रकाशित आदेश में सुरक्षा या कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कोई नया अधिकार नहीं दिया गया है। मंत्रालय के मुताबिक इंटसेप्ट, मॉनिटरिंग और डिक्रिप्शन के हर मामले को सक्षम प्राधिकारी यानी केंद्रीय गृह सचिव द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद ही एजेंसियां जांच कर पाएंगी। जिन 10 एजेंसियों को निगरानी और जासूसी का अधिकार दिया गया है, उनमें इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सचिवालय (रॉ), डायरेक्टोरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली पुलिस कमिश्नर के नाम शामिल हैं।
बता दें कि जासूसी विवाद को लेकर कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस और एआईएमआईएम ने भी सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध जताया है। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन अवैसी ने कहा कि अब समझ आया घर-घर मोदी का मतलब। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ”आज मैंने अधिसूचना देखी जिसमें कहा गया है कि सभी कम्यूटर रिसोर्स निगरानी में होंगे। क्या इसका मतलब यह है कि हमारी कोई स्वतंत्रता और निजता नहीं है? इस अधिसूचना को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि इसका दुरुपयोग हो सकता है।”
West Bengal CM Mamata Banerjee: Today I saw notification where it is mentioned that all the computer resources will be under surveillance. Does this mean we don't have any independence or privacy? This notification should be withdrawn as it can be misued. pic.twitter.com/uEfU63V5Ik
— ANI (@ANI) December 21, 2018
