कश्मीर में मजदूरों पर आतंकी हमले के बाद ममता बनर्जी सरकार हरकत में आ गई है। शुक्रवार (1 नवंबर, 2019) को उनके नेतृत्व वाली TMC सरकार ने घाटी से लगभग 131 मजदूर वहां से बंगाल वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

‘Express News Service’ के मुताबिक, कोलकाता के ईको-पार्क में शुक्रवार (एक नवंबर, 2019) को सीएम ममता ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बंगाल सरकार 131 मजदूरों को कश्मीर से वापस बुलाएगी। बकौल मुख्यमंत्री, “राज्य सरकार की मदद से कश्मीर गए 131 मजदूर वापस लाए जा रहे हैं। ये सभी मजदूर मुर्शिदाबाद, दिनजपुर और मालदा के रहने वाले हैं।”

बंगाल सरकार ने इन मजदूरों को वहां से लाने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। इसी बीच, दो अधिकारियों को कश्मीर भी भेज दिया गया है, ताकि इन मजदूरों को ट्रेनों के जरिए वापस बंगाल लाया जा सके।हालांकि, कुछ टीवी रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि कश्मीर से बंगाल के 600 मजदूर जम्मू शिफ्ट किए गए, पर इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।

बहरहाल, दीदी ने यह भी दावा किया कि बंगाली मजदूरों पर कश्मीर में किया गया आतंकी हमला पूर्व नियोजित था। जिस तरह बर्बरता से उनकी हत्या की गई, उससे तो यही लगता है कि इसकी साजिश पहले रची गई होगी।

सूत्रों ने यह भी बताया कि सरकार कश्मीर में कुछ और अधिकारी भेजने की योजना बना रही है, ताकि बंगाल के लोग वहां से आसानी और व्यवस्थित तरीके से समय रहते वहां से निकाले जा सकें।

बता दें कि मंगलवार को कश्मीर के कुलगाम इलाके में आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के पांच मजदूरों को घर से बाहर निकाल गोलियां से भून दिया था। ये सभी मजदूर सेब के बगीचे में काम करते थे और इनका अपहरण करके गोली मारी गई थी। मृतकों की पहचान नईमुद्दीन शेख, मुर्सलीम शेख, रफीकुल शेख, रफीक शेख और कमरुद्दीन शेख के रूप में हुई थी।

आतंकी हमले के बाद मृतकों के परिजन और कश्मीर में कार्यरत अन्य मजदूरों में डर का माहौल पनप गया। यहां तक कि कई मजदूरों ने तो वहां पर अधिक पैसे मिलने के बाद भी काम के लिए न जाने की ठान ली। कहा कि वे किसी भी हालत में जम्मू और कश्मीर नहीं जाएंगे।