Sita Mandir Next: बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन इससे पहले सत्तारूढ़ भाजपा ने चुनाव की जोरदार तैयारी शुरू कर दी। यही वजह है कि बीजेपी मिथिला क्षेत्र के सीतामढ़ी में सीता मंदिर के जीर्णोद्धार को अपने प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक बनाना चाहती है।

हालांकि, भारतीय जनता पार्टी की इस कोशिश को लेकर राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कहा कि भाजपा को सीता मंदिर के जीर्णोद्धार का श्रेय नहीं लेना चाहिए। वहीं भाजपा के प्रमुख सहयोगी दल जनता दल (यूनाइटेड) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस परियोजना के लिए केंद्र से और अधिक धनराशि की मांग की है।

पिछले रविवार को अहमदाबाद में आयोजित “शाश्वत मिथिला महोत्सव 2025” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तो कर दिया है, अब बिहार (सीतामढ़ी) में भव्य सीता मंदिर बनाने का समय आ गया है। यह भव्य मंदिर देवी सीता द्वारा अपने जीवन में अपनाए गए आदर्शों का संदेश देगा। हम बिहार में निश्चित रूप से मां जानकी मंदिर का निर्माण करेंगे। मैं मिथिला के लोगों को आमंत्रित करता हूं कि वे बिहार में मेरे साथ आएं, जहां हम विधानसभा चुनाव से पहले डेरा डालेंगे।

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अमित शाह के बयान के एक दिन बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने जवाब देते हुए दावा किया कि बिहार में शाह के लिए शिविर आयोजित करने की कोई जगह नहीं है। भाजपा पर निशाना साधते हुए राजद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें सीता मंदिर निर्माण का श्रेय लेकर भागना नहीं चाहिए।

सीतामढ़ी के पुनौरा गांव में पुनौरा धाम मंदिर के जीर्णोद्धार और पुनरुद्धार परियोजना, जिसे सीता की जन्मस्थली माना जाता है। उसको पहली बार सितंबर 2023 में धार्मिक पर्यटन को विकसित करने के लिए एक बड़ी परियोजना के साथ मंजूरी दी गई थी। उस समय जेडी(यू) और आरजेडी राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन गठबंधन का हिस्सा थे। जेडी(यू) जनवरी 2024 में फिर से एनडीए में शामिल हो गई और फिर से भाजपा से हाथ मिला लिया।

अब, राजद खेमे का मानना ​​है कि सीता मंदिर के लिए भाजपा की ताजा कोशिश से एनडीए को चुनावी लाभ नहीं मिल सकता है। आरजेडी प्रवक्ता सारिका पासवान ने कहा कि बिहार सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए जाना जाता है। हमारे नेता लालू प्रसाद ने हमेशा सांप्रदायिक राजनीति का विरोध किया है। सीता के प्रतीकवाद का खेल शायद यहां बिल्कुल भी काम न करे।

ऐसे में भाजपा सीतामढ़ी में सीता मंदिर परियोजना को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से जोड़ने का प्रयास कर रही है। राज्य भाजपा प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि हम केंद्रीय गृह मंत्री शाह के बयान का स्वागत करते हैं। एनडीए सरकार (बिहार में) सीतामढ़ी में पुनौरा धाम मंदिर का जीर्णोद्धार कर रही है। अयोध्या में राम मंदिर बनाने के बाद सीतामढ़ी में एक भव्य सीता मंदिर बनाना बहुत अच्छा होगा।

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जेडी(यू) ने कहा कि शाह के बयान के बाद उसे सीता मंदिर परियोजना के लिए केंद्र से अधिक धनराशि मिलने की उम्मीद है। जेडी(यू) के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि सीता मंदिर जीर्णोद्धार परियोजना राज्य सरकार की परियोजना है। अब जबकि केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने मंदिर के बारे में बात की है, तो हमें केंद्रीय सहायता की उम्मीद है। देवी सीता हमारे सामाजिक मूल्यों के गौरव से जुड़ी हुई हैं। यह अच्छी बात है कि केंद्र अयोध्या को सीतामढ़ी से जोड़ने के लिए एक सड़क परियोजना की भी योजना बना रहा है।

बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन गुप्ता ने आरोप लगाया कि अमित शाह सीता मंदिर परियोजना को अनावश्यक रूप से तूल देने की कोशिश कर रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार का इस परियोजना से कोई लेना-देना नहीं है। जहां तक ​​शाह के बिहार में डेरा डालने की घोषणा का सवाल है, तो उन्हें ऐसा करने दीजिए। उन्हें बिहार के लिए अधूरे वादों पर केवल कठिन सवालों का सामना करना पड़ेगा।

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(इंडियन एक्सप्रेस के लिए संतोष सिंह की रिपोर्ट)