गांधी परिवार के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले कपिल सिब्बल का कहना है कि G-23 के नेताओं ने अपने किसी निजी एजेंडे के तहत ऐसा नहीं किया। उनका कहना था कि राज्यसभा सांसद के तौर पर उनका और आनंद शर्मा का टर्म 2022 में खत्म हो रहा है। मनीष तिवारी, शशि थरूर लोकसभा से सांसद हैं। ग्रुप में शामिल कई नेता ऐसे भी हैं जो किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में राज्यसभा सीट हासिल करने के लिए विरोध करने की बात कहां से आती है। उनका कहना है कि यह मसले 2019 से उठ रहे थे।

कपिल सिब्बल का कहना है कि जिन 23 नेताओं ने कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी को पत्र लिखा है, उन्हें विद्रोही नहीं बल्कि कांग्रेस की लीगेसी के रक्षक के तौर पर देखा जाना चाहिए। पत्र में भले ही 23 नेताओं के दस्तखत हों, लेकिन पार्टी में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो उनकी बातों से इत्तेफाक रखते हैं। सिब्बल का कहना था कि वो पार्टी के वर्कर हैं। उनका ध्येय सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से पार्टी को सशक्त बनाना है। स्टार कैंपेनरों की लिस्ट के सवाल पर उनका कहना था कि पार्टी उन्हें कोई दायित्व न भी सौंपे तो भी वो इसे मजबूत बनाने का काम अपनी पूरी ऊर्जा से करते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही एकमात्र ऐसा संगठन है जो राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी का विकल्प बन सकता है। आज पार्टी को हर तरह से मजबूत करने की जरूरत है। नेशनल लेवल पर ऐसे दलों को एक झंडे तले लाने की आवश्यकता है जो बीजेपी से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि कांग्रेस ने देश की आजादी में अहम भूमिका अदा की थी। कांग्रेस से जुड़ा हर व्यक्ति चाहता है कि इस ऐतिहासिक पार्टी को मजबूत किया जाए। इसके लिए ही उनके ग्रुप के नेताओं ने अपनी आवाज बुलंद की है। वह चाहते हैं कि इसे निजी हितों की लड़ाई करार देकर कमजोर न किया जाए।

सिब्बल का कहना है कि आज बीजेपी सारे संवैधानिक ढांचों को तहस नहस करने पर तुली है। जम्मू में उन्होंने खुद बीजेपी पर यह कहकर हमला किया था कि देश के असेट्स कुछ लोगों के हाथ में सिमट गए हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अच्छी खबर यह है कि पार्टी नेतृत्व संगठनात्मक चुनाव कराने पर सहमत हो गया है। जून में इसके लिए तारीख तय की गई है। उन्हें लगता है कि कांग्रेस चीफ के साथ इस मसले पर और विमर्श होना चाहिए। पांच राज्यों के चुनाव के बाद ऐसा होने की उम्मीद है।

G-23 के नेता ने कहा कि नेतृत्व के बगैर कोई पार्टी खुद को जिंदा नहीं रख सकती है। संगठनात्मक चुनाव होंगे तो कोई न कोई सशक्त नेता उभरकर सामने आ जाएगा। एक सवाल पर उनका कहना था कि चुनाव में कौन खड़ा होगा, इसका फैसला सामने वाले उम्मीदवार को देखकर किया जाएगा। हालांकि, उनका यह भी कहना था कि पार्टी का संविधान हरेक को चुनाव लड़ने की इजाजत देता है। पांच राज्यों के चुनाव पर उनका कहना था कि केरल और असम में कांग्रेस अच्छी स्थिति में है। कुछ राज्यों में पार्टी लंबे समय से लड़ाई से बाहर है। यहां किसी सुनामी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।