Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दो महिला जजों की बहाली का आदेश दिया। जिन्हें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और सरकार की प्रतिकूल रिपोर्ट के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्ना और एन कोटीश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि असेसमेंट पीरियड के दौरान एक जज की शादी हुई थी। इसके अलावा उन्हें कोविड हुआ फिर गर्भपात भी झेलना पड़ा। उनके भाई को कैंसर हो गया।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट की रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि लगातार उनका प्रदर्शन खराब ही था। ऐसे में बर्खास्तगी से पहले उन्हें मौका मिलना चाहिए। इस तरह से किसी को बर्खास्त कर देना अवैध और दंडात्मक है। उन्होंने कहा कि महिला न्यायिक अधिकारियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है।

बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट की रिपोर्ट हमें सील कवर में मिली है। हमें लगता है कि दंड के रूप में यह कार्रवाई की गई है। ऐसे में सरकार के आदेश को एक तरफ रखा जाता है। कोर्ट ने कहा कि दोनों महिला जज फिर से ज्वाइन करने की योग्य हैं। 15 दिनों के भीतर उन्हें बहाल किया जाए और जिस दौरान वे ड्यूटी पर नहीं थीं, उसे भी पेंशन बेनिफिट के तौर पर जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं के लिए अच्छा माहौल बनाने की जरूरत है।

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सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की सेवा समाप्ति से संबंधित मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर 2023 को कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला दीवानी न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था।

हालांकि, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एक पूर्ण कोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को अपने पहले की प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों- ज्योति वरकड़े, सोनाक्षी जोशी, प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया था।

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