शिवसेना और भाजपा के बीच महाराष्‍ट्र में लोकसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता हो गया है। आगामी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में शिवसेना 23 और बीजेपी 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन इस समझौते के बाद शिवसेना के नेता संजय राउत ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक बयान दिया है। राउत ने कहा ‘इस चुनाव में अगर भाजपा 2014 से 100 सीटें कम जीती तो प्रधानमंत्री कौन बनेगा ये एनडीए तय करेगा।’ भाजपा और शिवसेना के गठबंधन में शिवसेना ज्यादा सीटों से चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन अब शिवसेना भाजपा से दो सीट कम में चुनाव लड़ रही है। इस बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा ‘हम अब भी राज्य में सबसे बड़े हैं 2014 में भाजपा ने यहां 123 सीटें जीती थी और शिवसेना ने 63 इसके बावजूद इस बार भाजपा शिवसेना से लगभग बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। इतना ही नहीं भाजपा शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने के बारे में सकारात्मक है।

ये पूछे जाने पर कि अगर ये गठबंधन जीत जाता है तो क्या शिवसेना पूरे कार्यकाल के लिए सीएम की कुर्सी अपने पास रखेगा? इस पर राउत ने कहा ‘इस बारे में देखेंगे लेकिन मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही होगा।’ जब पूछा गया कि भाजपा फिर से नरेंद्र मोदी को अपना चेहरा मानकर चल रही है। आपकी पार्टी ने उन पर कई मुद्दों पर हमला किया है। इस पर राउत ने सफाई देते हुए कहा ‘ शिवसेना ने हमेशा सच का साथ दिया है। हमने भूमि अधिग्रहण के कानून का विरोध किया है। किसानों की उपजाऊ जमीन पर स्मार्ट सिटी नहीं बन सकती। हमने बुलेट ट्रैन का भी विरोध किया है। क्योंकि इस से किसानों का नुकसान होगा। ऐसे ही हमने नोटबंदी का भी विरोध किया था। क्योंकि उससे बेरोजगारी बढ़ी। हमने राम मंदिर पर भी सवाल उठाए हैं। हमने हमेशा उनकी नीतियों की आलोचना की है।’

राउत से जब पूछा गया कि सामना में आपके एक कॉलम में अपने हंग असेंबलीकी संभावना की बात की थी और कहा था ‘गडकरी इसका इंतजार कर रहे हैं।’ क्या आप सुझाव दे रहे थे कि हंग असेंबली की स्थिति में गडकरी पीएम होंगे। बता दें राउत सामना के मुख्‍य संपादक हैं। इस पर राउत ने कहा ‘मैंने पीएम के लिए गडकरी का समर्थन नहीं किया। मीडिया और आरएसएस से ऐसी खबरें आती रही हैं। हमने भाजपा के समक्ष ऐसी कोई शर्त (गडकरी के पीएम होने की) नहीं रखी है। इसके अलावा, सिर्फ गडकरी का नाम क्यों? भाजपा के बहुत से चेहरे हैं। अगर बीजेपी पिछली बार से 100 सीटें कम जीतती है, तो एनडीए तय करेगा कि पीएम कौन होना चाहिए।’