दिल्ली में हुए जेएनयू छात्रों पर हमले को लेकर शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर हमला बोला है। हमला बोलते हुए शिवसेना ने यह आरोप लगाया कि जो वह चाहते थे, वह हो रहा है। शिवसेना ने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा, ‘इतनी गंदी राजनीति कभी किसी ने नहीं की।’ इसमें कहा कि भाजपा संशोधित नागरिकता कानून पर ‘हिंदू-मुस्लिम दंगे’ होते देखना चाहती थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसमें यह भी कहा गया कि चूंकि सीएए के मुद्दे पर भाजपा अलग-थलग पड़ गई, इसलिए अब कई चीजें ‘बदले की भावना’ से हो रही है।

देश के लिए खतरनाक है ‘विभानजकारी राजनीति’- शिवसेनाः जेएनयू के छात्रों पर हमले की तुलना 26/11 मुंबई हमले से करते हुए मंगलवार (07 जनवरी) को शिवसेना ने कहा कि ‘विभाजनकारी राजनीति’ देश के लिए खतरनाक है। संपादकीय में कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का जेएनयू हमले के ‘अज्ञात’ हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला हास्यास्पद है। इसमें कहा, ‘चेहरे पर नकाब ओढ़कर जेएनयू में प्रवेश करने वाले लोग अज्ञात नहीं हैं।’ गौरतलब है कि रविवार (05 जनवरी) को जेएनयू परिसर में नकाबपोश लोगों ने हमला किया था। इस हमले में 34 लोग घायल हो गए थे।

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‘इतनी गंदी राजनीति कभी किसी ने नहीं की’- शिवसेनाः सामना में यह भी कहा गया, ‘विद्यापीठ और महाविद्यालयों को खून से लथपथ कर, विद्यार्थियों से मारपीट कर और उससे जली होली पर सत्ता की रोटी सेंकी जा रही है। इतनी गंदी राजनीति कभी किसी ने नहीं की है। ‘जेएनयू’ की हिंसा का विरोध देशभर में देखने को मिलने लगा है। मोदी-शाह को जो चाहिए, वही होता दिखाई दे रहा है। देश संकट में है!’

सामना में अमित शाह पर साधा गया निशानाः संपादकीय में आगे कहा गया, ‘अमित शाह जब राहुल और प्रियंका गांधी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हैं, तब एक प्रकार से वे स्वीकार करते हैं कि सरकार के एक कानून के विरोध में जनमत तैयार करने और लोगों को रास्ते पर उतारने की ताकत राहुल और प्रियंका गांधी में है। दूसरी बात ये है कि गांधी भाई-बहन ने दंगे भड़काए कि नहीं, ये नहीं कहा जा सकता। लेकिन, देश के गृहमंत्री और उनकी पार्टी के लिए घर-घर जाकर सीएए के पर्चे बांटने की नौबत जरूर आ गई है।’