राज्यसभा की कार्यवाही से निलंबन के बाद रविवार को प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद टीवी शो की एंकर के पद से भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि दुख के साथ वो संसद टीवी के शो ‘मेरी कहानी’ के एंकर का पद छोड़ रही हैं। अगस्त में मानसून सत्र के दौरान हंगामा करने वाले विपक्ष के 12 राज्यसभा सांसदों को शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है। इन 12 सांसदों में शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का नाम भी शामिल है।

सांसद प्रियंका चतुर्वेदी संसद टीवी के शो ‘मेरी कहानी’ की एंकर थीं। राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में प्रियंका ने लिखा कि उनके मनमाने निलंबन ने संसदीय मूल्यों का पूरी तरह से हनन किया है। यह कदम उनके साथ शिवसेना की आवाज को रोकने के लिए उठाया गया। जब संविधान की मेरी प्राथमिक शपथ को पूरा करने से वंचित किया जा रहा है तो ऐसे में संसद टीवी में सेवाएं देने को तैयार नहीं हूं। यह निलंबन मेरे संसदीय ट्रैक रिकॉर्ड को खराब करने के लिए किया गया है।

ध्यान रहे कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन पिछले मानसूत्र सत्र में हंगामा करने वाले 12 सांसदों पर भी कार्रवाई की गई थी। इसके तहत शीतकालीन सत्र से इन 12 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिए गया है। ये सांसद इसकी वजह से राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाएंगे।

12 राज्यसभा सांसदों में विपक्ष के एलामाराम करीम (सीपीएम), फूलो देवी नेतम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस), बिनॉय विश्वम (सीपीआई), डोला सेन और शांता छेत्री (टीएमसी), प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई (शिवसेना) का नाम शामिल हैं। मानसून सत्र के दौरान हुए हंगामे के चलते यह कार्रवाई की गई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा में इसका ऐलान किया था। वहीं इस निलंबित पर शिवसेना से सांसद प्रियंका चतुर्वेदी कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना पक्ष जाने इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक आरोपी को लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। उनके लिए वकील भी उपलब्ध कराए जाते हैं। लेकिन यहां हमारा पक्ष नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखें तो यह साफ है कि कैसे पुरुष मार्शल महिला सांसदों को पीट रहे थे।