मुसलमानों का मताधिकार समाप्त करने की मांग से विवादों में आने के बाद शिवसेना ने आज कहा कि मुस्लिमों और ईसाइयों की ‘‘बढ़ती’’ आबादी पर रोक लगाने की खातिर उनके लिए परिवार नियोजन अनिवार्य किया जाना चाहिए ।

महाराष्ट्र में भाजपा की घटक दल ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में कहा, ‘‘केवल बढ़ती आबादी से ही, कोई देश को पाकिस्तान बनाने की कोशिश कर सकता है, लेकिन परिवार को स्तरीय एवं स्वस्थ जीवन नहीं दे सकता ।’’

शिवसेना ने मुद्दे पर अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की उपाध्यक्ष साध्वी देवा ठाकुर के विचारों का समर्थन किया । हालांकि पार्टी ने कहा कि शब्दों का उनका चुनाव गलत हो सकता है ।

इसने कहा, ‘‘साध्वी देवा का कहना है कि मुसलमानों और ईसाइयों की बढ़ती आबादी देश के लिए खतरनाक है और इसलिए उनकी जबरन नसबंदी की जानी चाहिए । उन्हें नसबंदी की जगह परिवार नियोजन शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए था । ’’

ठाकुर ने शनिवार को कहा था कि मुसलमानों और ईसाइयों की बढ़ती आबादी हिंदुओं के लिए खतरा है और उसे रोकने लिए हर हाल में उनकी नसबंदी कराई जानी चाहिए ।

साध्वी ने कहा था, ‘‘मुसलमानों और ईसाइयों की आबादी हर रोज बढ़ रही है । इस पर अंकुश लगाने के लिए, केंद्र को आपातकाल लगाना पड़ेगा, तथा मुसलमानों और ईसाइयों की जबरन नसबंदी करनी होगी, ताकि वे अपनी संख्या न बढ़ा सकें ।’’

शिवसेना ने आज कहा, ‘‘साध्वी उतनी शिक्षित नहीं हैं जितने कि ओवैसी बंधु (एआईएमआईएम) हैं, इसलिए उन्होंने अपना संदेश पहुंचाने के लिए गलत शब्दों का चुनाव कर लिया । उनके द्वारा कहे गए नसबंदी शब्दों को नजरअंदाज किया जा सकता है, लेकिन तथ्य यह है, उनकी :मुस्लम, ईसाइयों की: आबादी और परिवार नियोजन एक समस्या बना हुई है ।’’

पार्टी ने कहा कि यदि आॅल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी सच में ही समुदाय के बारे में चिंतित हैं तो उन्हें परिवार नियोजन के आह्वान का समर्थन करना चाहिए और मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने की प्रथा खत्म करनी चाहिए ।

इसने कहा, ‘‘परिवार नियोजन सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अपने परिवार की उचित देखभाल सुनिश्चित कर सकेगा और बच्चों को स्तरीय शिक्षा उपलब्ध करा सकेगा ।’’

पार्टी ने कहा कि मुसलमानों की नसबंदी की उसकी वकालत का मतलब है कि वह उनके लिए ‘स्तरीय जीवन’ चाहती है ।

शिवसेना ने कहा, ‘‘जब हम कहते हैं कि मुसलमानों की नसबंदी होनी चाहिए, तब हमारा इरादा यह होता है कि उन्हें खुशहाल जीवन बिताना चाहिए ।’’

पार्टी ने पूर्व में मुसलमानों का मताधिकार खत्म करने की मांग उठाकर विवाद खड़ा कर दिया था । इसने कहा था कि समुदाय को अक्सर वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है, इसलिए उनका मताधिकार खत्म कर दिया जाना चाहिए । इस पर शिवसेना को विभिन्न राजनीतिक दलों की कड़ी प्रतिक्रिया झेलनी पड़ी थी ।

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(इनपुट भाषा से)