राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की वजह से हालात अभी भी खराब बने हुए हैं। पिछले कई दिनों से लगातार AQI खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इसी प्रदूषण के बीच दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से संसद का शीतकालीन सत्र भी जारी है। इस सत्र में तमाम मुद्दों पर मंथन हो रहा है, लेकिन एक मुद्दा जो साफ दिखाई दे रहा है, वह है- प्रदूषण।
बीजेडी सांसद ने क्या कहा?
इसी मुद्दे को बीजेडी के राज्यसभा सांसद मानस रंजन मंगराज ने संसद में उठाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदूषण एक मानव-निर्मित आपदा है। मंगराज ने सुझाव दिया कि संसद के शीतकालीन सत्र को दिल्ली से बाहर किसी और जगह स्थानांतरित करने की जरूरत है।
शून्यकाल के दौरान उन्होंने कहा, “ओडिशा एक ऐसा राज्य है जो पूरे अनुशासन के साथ चक्रवात, बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं से लड़ता रहता है। मैं अच्छी तरह समझता हूं कि कोई संकट कैसा दिखाई देता है। लेकिन एक चीज जो मुझे बेहद परेशान करती है, वह है—राजधानी दिल्ली की हालत।”
किन लोगों को प्रदूषण से दिक्कत?
अपने संबोधन के दौरान बीजेडी सांसद ने संसदीय अधिकारियों, ड्राइवरों और सफाईकर्मियों की सेहत को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ये लोग रोजाना जहरीली हवा के संपर्क में आ रहे हैं, जबकि बाहर से ऐसा लगता है कि सब कुछ ठीक चल रहा है।
कहां शिफ्ट होनी चाहिए संसद?
सांसद मंगराज के मुताबिक, कुछ समय के लिए शीतकालीन सत्र को भुवनेश्वर, हैदराबाद, बेंगलुरु, गांधीनगर, गया या देहरादून में आयोजित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका यह प्रस्ताव किसी भी तरह से राजनीति से प्रेरित नहीं है। यह जीवन और सम्मान से जुड़ा मसला है। उन्होंने कहा, “संसद को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जीने का अधिकार, निंदा से पहले आता है।
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