भाजपा से कांग्रेस में गए पूर्व केंद्रीय मंत्री और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा उपचुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। बता दें कि ममता बनर्जी की पार्टी ने सिन्हा को बंगाल की आसनसोल से लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है। वहीं जब सिन्हा से कांग्रेस और उनके रिश्ते के बारे में पूछा गया तो वो सीधे तौर जवाब देने से बचते रहे।
बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा से पूछा गया कि उन्होंने टीएमसी के लिए कांग्रेस छोड़ दी है? इसपर उन्होंने सीधे तौर पर जवाब न देते हुए कहा, “मैं केवल इतना कहूंगा कि मैं सांप्रदायिक सद्भाव और गरीबों के कल्याण के लिए मैं ममता बनर्जी की लड़ाई में उनके साथ शामिल हुआ हूं।”
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “ममता बनर्जी द्वारा लोकसभा उपचुनाव में आसनसोल से मुझे टीएमसी उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। वो अनुभवी हैं और सफल राजनेता हैं। जो केंद्र सरकार की ‘विभाजनकारी राजनीति’ के खिलाफ देश के लिए आशा जगाती हैं।
दो बार राज्यसभा और लोकसभा सदस्य रहे सिन्हा ने कहा, “ममता बनर्जी देश का भविष्य हैं। मैं देशभर में ‘खेला होबे’ का विस्तार करने के लिए उनके हाथ को मजबूत करूंगा।”
बता दें कि पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट और बालीगंज विधानसभा सीट पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होने हैं। जहां आसनसोल से सिन्हा मैदान में होंगे तो वहीं बालीगंज विधानसभा सीट से मोदी सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो टीएमसी से उपचुनाव लडेंगे। गौरतलब है कि भाजपा में रहने के दौरान बाबुल सुप्रियो ने 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव जीता था।
दरअसल आसनसोल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कोयला खदान श्रमिकों, कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों, स्क्रैप डीलरों और अल्पसंख्यक आबादी की मिश्रित आबादी है। ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट देकर ममता बनर्जी खुद के लिए मजबूती देख रही हैं।
गौरतलब है कि भाजपा छोड़ने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में मंत्री रहे और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने गृहनगर पटना साहिब चुनाव लड़ा लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से हार गये थे।