ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने कई मौकों पर कहा है कि देश को पाकिस्तान नहीं चीन से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। अब इसी कड़ी में विदेश मामलों की संसदीय समिति ने एक बड़ी चेतावनी दी है, जोर देकर कहा गया है कि हिंद महासागर में चीन की सक्रियता बढ़ती जा रही है, इससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ जाता है। अब जिस समिति ने चेतावनी जारी की है, उसकी अध्यक्षता कांग्रेस सांसद शशि थरूर करते हैं, उनकी तरफ से सरकार को कई सुझाव भी दिए गए हैं।

शशि थरूर की समिति ने क्या-क्या बताया?

समिति के मुताबिक चीन और पाकिस्तान का नेवल नेक्सस काफी मजबूत हो चुका है, दोनों ही देश लंबे समय से साझा मिलिट्री एक्सरसाइज कर रहे हैं, चीन की मदद से पाकिस्तान की नौसेना की ताकत भी बढ़ाई जा रही है। माना जा रहा है कि इन बदलते समीकरणों की वजह से इस क्षेत्र में भारत की चुनौती बढ़ सकती है। अब विदेश मंत्रालय को भी इस बात का अहसास है, चुनौतियों को लेकर विस्तार से बताया गया है। कहा गया है कि इस समय समुद्री यातायात को लेकर खतरा है, संप्रभुता की भी बात है।

चीन की किस साजिश उठा पर्दा?

चीन को लेकर तो बताया गया है कि उस अब इस क्षेत्र में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू कर दिए हैं, पोर्ट का विस्तार किया जा रहा है। इसके अलावा सर्वेक्षण जहाजों के जरिए अति संवेदनशील जानकारी भी इकट्ठा की जा रही है। वैसे अब अगर चीन ने अपनी रणनीति बदली है तो भारत भी चुनौतियों से निपटने के लिए मित्र देशों का रुख कर रहा है, क्वाड देशों के साथ भी साझेदारी बढ़ी है।

भारतीय नौसेना के सामने क्या चुनौतियां

जानकारी के लिए बता दें कि समिति ने अपनी तरफ से 130 पन्नों की रिपोर्ट जारी की है। तीन चुनौतियों पर जोर दिया गया है- भू-राजनीतिक चुनौती, समुद्री सुरक्षा के खतरे और बुनियादी ढांचे की कमी। वैसे लिखित जवाब में मंत्रालय ने भारतीय नौसेना की चुनौतियों की भी बात की है। चीन की उपस्थिति से लेकर ट्रैफिकिंग, मारटाइम टेररिज्म को लेकर चिंता जताई गई है। प्राकृतिक आपदाओं को भी भविष्य की चुनौती के रूप में समझा गया है।

ये भी पढ़ें- पनामा नहर पर नियंत्रण को लेकर हुई कहासुनी