Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विदेश दौरे पर जा रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जाते-जाते अपने इरादे जाहिर कर दिए। पांच देशों की यात्रा पर जाने से पहले थरूर ने कहा कि आतंकवाद पर अब देश चुप नहीं बैठेगा, यह मिशन दुनिया को याद दिलाएगा कि भारत किन मूल्यों के साथ खड़ा है।

सांसद शशि थरूर विदेश जाने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक की नेतृत्व कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी द्वारा नाम न दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार ने उन पर भरोसा जताते हुए उनको सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है।

अमेरिका के लिए रवाना होने से पहले शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में थरूर ने कहा, ‘मैं सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने हुए पांच देशों की यात्रा पर जा रहा हूं। इन पांच देशों में गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। हम वहां इसलिए जा रहे हैं, ताकि देश के लिए बोल सकें। इस भयावह संकट के बारे में बोल सकें, जिसमें हमारे देश पर आतंकवादियों ने सबसे क्रूर तरीक से हमला किया।

थरूर ने कहा कि हमारा लक्ष्य उन मूल्यों को सामने लाना होगा, जिनका भारत सालों से समर्थन करता है और जिन्हें आज दुनिया में संरक्षित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के लिए पूरे भरोसे के साथ बोलने की जरूरत है। हमें दुनिया को यह संदेश देना है कि हम आतंकवाद पर चुप नहीं रहेंगे और हम नहीं चाहते कि दुनिया इस मामले पर हमें अनदेखा करे। हम नहीं चाहते कि उदासीनता सच्चाई पर विजय पाए।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह एक ऐसा मिशन है,जो एक दिन दुनिया को याद दिलाएगा कि भारत उन सभी मूल्यों के लिए खड़ा है, जिन्हें आज हम दुनिया में शांति, लोकतंत्र, स्वतंत्रता के बनाए रखने के लिए जरूरी मानते हैं, न कि आतंक,नफरत और हत्या के लिए।

थरूर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हम 9/11 स्मारक का दौरा करेंगे और दुनिया को याद दिलाएंगे कि हम, उन लोगों की तरह जिनके बारे में वे सोच रहे हैं, एक आतंकवादी हमले के शिकार हुए हैं और सिर्फ इस एक हमले के नहीं, बल्कि पिछले चार दशकों में हुए आतंकवादी हमलों के शिकार हुए हैं।

प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं, जैसे शशांक मणि त्रिपाठी, मिलिंद देवड़ा और सरफराज अहमद, साथ ही अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू। उनका संयुक्त संदेश स्पष्ट है: भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और शांति और सुरक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर साझेदारी करने के लिए तैयार है।

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शशि थरूर ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता को सुलझाने का श्रेय लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी तीसरे पक्ष द्वारा मध्यस्थता की कोई औपचारिक प्रक्रिया का अनुरोध नहीं किया गया।

थरूर ने कहा था कि किसी भी संकट के दौरान, हमेशा उन देशों से संपर्क किया जाता है जो फोन करते हैं और मदद मांगते हैं। हमने हर जगह यही रास्ता अपनाया है। मध्यस्थता की कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं रही है, न तो इसका अनुरोध किया गया है और न ही इसका संचालन किया गया है। आप मुझे फोन करते हैं, मैं आपको बताता हूं कि मैं क्या कर रहा हूं और क्यों कर रहा हूं, और बस इतना ही। फिर, यदि आप जाकर किसी और को यही दोहराना चाहते हैं और वे इसके परिणामस्वरूप कुछ खास परिणाम भुगतते हैं, तो क्या इसे मध्यस्थता कहा जाता है? मुझे ऐसा नहीं लगता। मेरे शब्दकोष में ऐसा नहीं है। वहीं, यहां यह भी जानना जरूरी है कि ऑपरेशन सिंदूर क्या है? भारत सरकार ने क्यों इसे अंजाम दिया। पढ़ें…पूरी खबर