Shashi Tharoor Interview: कांग्रेस के दिग्गज नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर इस वक्त काफी चर्चा में हैं। शशि थरूर को लेकर कई तरह की अटकलें और कयास लगाए जा रहे हैं। इन्हीं सभी अटकलों और कयासबाजी को लेकर शशि थरूर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की है। जिसमें थरूर ने राजनीति में अपने भविष्य, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों और कांग्रेस में पार्टी के भीतर मतभेदों के अलावा कई अन्य विषयों पर खुलकर बात की।

इंडियन एक्सप्रेस की लिज़ मैथ्यू द्वारा होस्ट किए गए एक कार्यक्रम के दौरान थरूर ने उदारवाद और भारत के बहुलवादी लोकाचार में अपने विश्वास की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से एक क्लासिक उदारवादी रहा हूं। मैं सांप्रदायिकता का विरोध करता हूं और आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक न्याय में विश्वास करता हूं। भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर थरूर ने सत्तारूढ़ पार्टी के साथ वैचारिक मतभेदों का हवाला देते हुए इस विचार को खारिज कर दिया।

कांग्रेस में पार्टी के भीतर जारी कलह के मुद्दे पर बोलते हुए तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि मेरी अपनी पार्टी में कुछ लोग मेरा विरोध करते हैं, लेकिन मैं भारत और केरल के भविष्य के लिए बोलता हूं। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद, वह कांग्रेस के प्रति वफादार हैं और जरूरत पड़ने पर पार्टी में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार हैं। अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में बोलते हुए थरूर ने कोई निश्चित योजना बनाने से परहेज किया, लेकिन सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि कि मैंने राजनीति में करियर के तौर पर प्रवेश नहीं किया था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अपनी पृष्ठभूमि का जिक्र किया, जिसके बाद सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस नेताओं ने उन्हें चुनावी राजनीति में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।

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हालांकि, उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी है कि यह उनका आखिरी संसदीय अभियान होगा, लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि वे विभिन्न क्षमताओं में योगदान देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपने लेखन और वैश्विक भाषणों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर पार्टी मेरी ताकत का इस्तेमाल करना चाहती है, तो मैं वहां मौजूद रहूंगा। अगर नहीं, तो मेरे पास दूसरे विकल्प भी हैं।

वैचारिक झुकाव की बात करें तो थरूर ने कहा कि वह हमेशा से ही एक क्लासिक उदारवादी रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं सांप्रदायिकता का विरोध करता हूं और आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक न्याय में विश्वास करता हूं।

अपने निजी जीवन पर विचार करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी मां उन्हें दोबारा शादी करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं, लेकिन वे अपने वर्तमान दौर से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने मुझे अभी इसकी ज़रूरत महसूस नहीं कराई है।

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