राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पार्टी संसदीय बोर्ड से हटाए जाने पर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें “एक चतुर राजनेता” के रूप में उनके बढ़ते कद के कारण पैनल से हटा दिया। भाजपा ने हाल ही में संसदीय बोर्ड को पुनर्गठित किया है। नए बोर्ड में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान का नाम नहीं शामिल है।
राकांपा (NCP) के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने ट्विटर पर कहा, “जब आपकी योग्यता और क्षमता बढ़ती हैं और आप उच्च पद के लिए चुनौती पेश करने लगते हैं तो भाजपा आपको नीचे कर देती है, और दागी लोगों को ऊपर ला देती है…।”
एनसीपी प्रवक्ता ने कहा, “एक चतुर राजनेता के रूप में उनका कद कई गुना बढ़ गया है।”
गडकरी एक मुखर नेता हैं जिनका राजनीतिक क्षितिज पर सभी नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। उनको मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया। क्रास्टो ने ट्विटर पर कहा, “नितिन गडकरी जी का भाजपा के संसदीय बोर्ड में शामिल नहीं होना दर्शाता है कि एक चतुर राजनेता के रूप में उनका कद कई गुना बढ़ गया है।”
भाजपा के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय से दोनों नेताओं के बहिष्कार को उनकी घटती राजनीतिक स्थिति के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। गडकरी के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया गया है। पिछले महीने, गडकरी ने कहा था कि कभी-कभी उन्हें राजनीति छोड़ने का मन करता है, क्योंकि जीवन के लिए और भी बहुत कुछ है।
उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि आजकल राजनीति सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनने से ज्यादा सत्ता में बने रहने के बारे में है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और इसे तानाशाही की सरकार करार दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को टोकाटाकी पसंद नहीं है क्योंकि तानाशाही की सरकार है।
उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी एक ऐसे व्यक्ति हैं पूरे हिंदुस्तान में, जिनके लिए आम आदमी कहता है कि वो काम करते हैं, लेकिन बीजेपी को काम करने वाला व्यक्ति नहीं चाहिए, झूठ और जुमलेबाजी करने वाला चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती है।