Delhi Police Move Delhi High Court: दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय माववाधिकार आयोग (NHRC) के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के बिजनौर कोर्ट में मारे गए शाहनवाज अंसारी की सुरक्षा में विफल रहने पर पुलिस की आलोचना की गई है।

शाहनवाज अंसारी को गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का सहयोगी माना जाता था। वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता और नजीबाबाद के प्रॉपर्टी डीलर हाजी एहसान और उनके भतीजे शादाब की हत्या का मुख्य आरोपी था।

अंसारी ने दिल्ली में सरेंडर किया था। उसे एक मामले में पेश होने के लिए बिजनौर कोर्ट ले जाया गया था। दिसंबर, 2019 में जब यह मामला चल रहा था, उसी वक्त अज्ञात हमलावरों ने कोर्ट के अंदर गोलियों से भून दिया था। जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।

बता दें, जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद के सामने मंगलवार को दिल्ली पुलिस का मामला सुनवाई के लिए आया था। दिल्ली पुलिस ने सिंगल बेंच को बताया कि उसकी सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस जिम्मेदार है। साथ ही कहा कि अंसारी के साथ आए दिल्ली पुलिस के अधिकारी खाली हाथ थे।

मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने NHRC के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें पुलिस को अंसारी के परिवार को 7 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया गया था।

कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मामले में एक न्याय मित्र (Amicus Curiae) नियुक्त करेगा। जिसके बाद कोर्ट ने मामले को 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में यूपी पुलिस को भी पक्ष बनाने के लिए कहा।