CAA NRC Shahenn Bagh Protest: दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध में महिलाएं एक महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रही हैं। चार महीने के मोहम्मद को लेकर उसकी मां नाजिया भी रोज प्रदर्शन में जाती थीं। प्रदर्शनकारी उसे अपनी गोद में लेकर खिलाते थे और अक्सर उसके गालों पर तिरंगे का चित्र बना दिया करते थे। लेकिन पिछले सप्ताह ठंड लगने से उसकी मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद नाजिया ने कहा कि शाहीन बाग में मेरा प्रदर्शन अब भी जारी रहेगा।
नाजिया ने कहा, “मेरे बेटे को ठंड लग गई थी। इसके अलावा उसे और किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। हम अभी भी अपने देश के लिए प्रदर्शन करने शाहीन बाग जाएंगे। हमारे पास कोई दस्तावेज नहीं है। ऐसे में हम क्या करेंगे? हम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मांग करते हैं कि वे सीएए और एनआरसी को वापस लें।”
शाहीन बाग में खुले में प्रदर्शन के दौरान मोहम्मद को ठंड लग गई थी जिससे उसे भीषण जुकाम और सीने में जकड़न हो गई थी। उसकी मां का कहना है, ‘‘ यह मेरे बच्चों के भविष्य के लिए’’ है। मोहम्मद के मां-बाप बटला हाउस इलाके में प्लास्टिक और पुराने कपड़े से बनी छोटी सी झुग्गी में रहते हैं। उनके दो और बच्चे हैं- पांच वर्षीय बेटी और एक साल का बेटा ।’’
मोहम्मद के पिता आरिफ कढ़ाई का काम करते हैं और ई- रिक्शा भी चलाते हैं। उसकी पत्नी कढ़ाई के काम में उसकी मदद करती है। आरिफ ने कहा, ‘‘कढ़ाई के काम के अलावा, ई रिक्शा चलाने के बावजूद मैं पिछले महीने पर्याप्त नहीं कमा सका। अब मेरे बच्चे का इंतकाल हो गया। हमने सब कुछ खो दिया।’’ उन्होंने मोहम्मद की एक तस्वीर दिखाई, जिसमें उसे एक ऊनी कैप पहनाई गई है जिसपर लिखा है, ‘‘ आई लव माई इंडिया।’’ विक्षुब्ध नाजिया ने कहा कि उसके नन्हें बेटे की 30 जनवरी की रात को प्रदर्शन से लौटने के बाद नींद में ही मौत हो गई।
नाजिया ने बताया, ‘‘ मैं शाहीन बाग से देर रात एक बजे आई थी। उसे और अन्य बच्चों को सुलाने के बाद मैं भी सो गई। सुबह में मैंने देखा कि वह कोई हरकत नहीं कर रहा था। उसका इंतकाल सोते हुए हो गया।’’ दंपत्ति 31 जनवरी की सुबह उसे नजदीकी अल शिफा अस्पताल ले गए। अस्पताल ने उसे मृत घोषित कर दिया।
नाजिया 18 दिसंबर से रोज शाहीन बाग के प्रदर्शन में जाती थी। उन्होंने कहा कि उसे सर्दी लगी थी जो जानलेवा बन गई और उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने मृत्यु प्रमाण पत्र पर मौत का कोई खास कारण नहीं लिखा है। नाजिया ने कहा कि उसका मानना है कि सीएए और एनआरसी सभी समुदायों के खिलाफ है और वह शाहीन बाग के प्रदर्शन में शामिल होंगी, लेकिन इस बार अपने बच्चों के बिना।
उन्होंने कहा, ‘‘ सीएए मजहब के आधार पर बांटता है और इसे कभी स्वीकार नहीं करना चाहिए। मुझे नहीं पता है कि क्या इसमें राजनीति शामिल है, लेकिन बस इतना जानती हूं कि जो मेरे बच्चों के भविष्य के खिलाफ है, उस पर मैं सवाल करूंगी।’’ आरिफ ने अपने बच्चे की मौत के लिए एनआरसी और सीएए को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर सरकार सीएए और एनआरसी नहीं लाई होती तो लोग प्रदर्शन नहीं करते और मेरी पत्नी उनमें शामिल नहीं होती और मेरा बेटा जीवित होता।’’ (भाषा इनपुट के साथ)

