कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह को दूर करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की सक्रियता तेज हो गई है। बुधवार की रात गुलाम नबी आजाद के घर खाने पर हुई G-23 के नेताओं की बैठक में शामिल होने के बाद वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा गुरुवार को राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। इसको लेकर राजनीतिक गलियारे में तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
हुड्डा पहले नेता हैं जिन्होंने G-23 की मीटिंग के बाद राहुल गांधी से मुलाकात की है। हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बड़ी हार के बाद नेताओं की मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
माना जा रहा है कि इस बैठक में नेताओं की आपसी नाराजगी दूर करने की पहल की गई है। साथ ही पार्टी में एकजुटता दिखाने के लिए सभी को एक मंच पर लाने के लिए बातचीत की संभावना भी तलाशी जा रही है। अभी हाल ही में वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी की हार के लिए नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे।
इस बीच पांच राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद अपने आवास पर जी-23 सदस्यों की बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के गुरुवार को नई दिल्ली में 10 जनपथ पर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बैठक में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल होंगे।
बुधवार की बैठक के बाद, जी-23 के नेताओं ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका सामूहिक और समावेशी नेतृत्व और सभी स्तरों पर निर्णय लेने का एक मॉडल अपनाना है।
हुड्डा पिछले काफी समय से अपनी पार्टी से इसलिए नाराज हैं क्योंकि ना ही उन्हें और ना ही उनके बेटे दीपेंदर सिंह हुड्डा को हरियाणा में पार्टी का मुखिया बनाया गया। इसको लेकर उनकी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सेल्जा कुमारी से भी तकरार चल रही है। लेकिन एक दिन पहले ही असंतुष्ट नेताओं की मीटिंग में शामिल होने के ठीक बाद राहुल गांधी से मुलाकात के पीछे उनकी व्यक्तिगत नाराजगी मुद्दा होने की संभावना नहीं है।