Samarkand SCO Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एससीओ सदस्य देशों को ट्रांजिट और कनेक्टिविटी में सुधार के अधिकार देने चाहिए। पीएम मोदी का इशारा स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की ओर था, जिसके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एससीओ नेताओं के सत्र में मौजूद थे। सम्मेलन में पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात हुई, जिसमें पुतिन ने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की अग्रिम बधाई दी है।
वहीं समरकंद में आयोजित एससीओ समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ की अगली कुर्सी संभालने पर भारत को बधाई दी और कहा कि हम अगले साल शिखर सम्मेलन की मेजबानी में भारत का समर्थन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं।
एससीओ शिखर सम्मेलन अन्य मुद्दों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों, व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श करने के लिए तैयार है। पीएम मोदी के शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है, जिसमें रूसी राष्ट्रपति पुतिन और उज़्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव सहित अन्य नेता शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। हम जन केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम हर क्षेत्र में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं। आज हमारे देश में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। भारत की अर्थव्यवस्था के इस साल 7.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुझे खुशी है कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।”
एससीओ शिखर सम्मेलन से जुड़े जानें 10 प्वाइंट्स
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी गुरुवार से शुरू हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की दो दिवसीय 22वीं बैठक में भाग लें रहे हैं।
यह पिछले दो वर्षों में पहली फिजिकल मीटिंग है, जिसने कोविड की आशंकाओं को दूर किया है और सभी आठ राष्ट्राध्यक्षों को वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दे पर मिलने के लिए आमने-सामने बातचीत करने का एक अवसर प्रदान किया।
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं। पीएम मोदी भी जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि समरकंद में पीएम मोदी के साथ कई बैठकें होंगी।
इससे पहले आधिकारिक रूसी समाचार एजेंसी TASS ने राष्ट्रपति पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव के हवाले से कहा था, “पीएम मोदी के साथ अंतर्राष्ट्रीय एजेंडे पर भी बातचीत होगी। संयुक्त राष्ट्र, G20 और SCO जैसे प्रमुख बहुपक्षीय स्वरूपों के भीतर सहयोग, रणनीतिक स्थिरता, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।”
राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी दोनों नेताओं ने जुलाई में एक-दूसरे से बात की थी और दिसंबर 2021 में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की समीक्षा की थी। इससे पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद फोन पर बात की थी।
जून 2020 में चीन के साथ भारत का शुरू हुआ टकराव अब धीरे-धीरे खत्म होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस बीच पीएम मोदी और शी जिनपिंग टकराव के बाद पहली बार आमने-सामने होंगे।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ द्विपक्षीय बैठकों की संभावना है। 2019 के बाद यह पहली फिजिकल मीटिंग है। इसके साथ ही लद्दाख में हुए भारत और चीन के सैनिकों के बीच टकराव के बाद पहली बार किसी बैठक में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने सामने होंगे।
नई दिल्ली से रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने एक बयान जारी कर कहा, “एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और गहरा करने के लिए मैं आशान्वित हूं।”
एससीओ सम्मेलन के दौरान सभी की निगाहें राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ संभावित बैठक पर होंगी जो शुक्रवार को सम्मेलन कक्ष और नेताओं के लाउंज में होंगे। पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर भारतीय और चीनी सैनिकों के विघटन (disengagement) के मद्देनजर यह काफी मायने रखता है।