Telangana Govt SC Sub-Categories: तेलंगाना सरकार ने जाति सर्वेक्षण के साथ अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण (Sub-Categorisation) को मंजूरी दे दी। मंगलवार को तेलंगाना विधानसभा के विशेष सत्र में जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के साथ ही मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण का प्रस्ताव पेश किया। साथ ही इस विवादास्पद कदम के लिए एक फार्मूला भी सुझाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 59 उप-जातियों के लिए अनुसूचित जाति कोटे में आरक्षण का प्रतिशत प्रत्येक की जनसंख्या के आधार पर होगा। सदन ने जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट और उप-वर्गीकरण प्रस्ताव दोनों को स्वीकार कर लिया, जिसका विपक्षी भारत राष्ट्र समिति और भाजपा ने समर्थन किया।

रेड्डी ने इस कदम को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अनुसूचित जातियों की 59 उप-जातियों को तीन समूहों में विभाजित किया जाएगा – समूह I, जिसे अनुसूचित जातियों के लिए 15% कोटे के भीतर 1% आरक्षण मिलेगा; समूह II, जिसे 9% दिया जाएगा; और समूह III को 5% आरक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जातियों के कोटे में क्रीमी लेयर को शामिल नहीं किया जाएगा।

हालांकि कांग्रेस सरकार के इस कदम का प्रमुख एससी माला समूह द्वारा विरोध किया जाना तय है, जो उप-वर्गीकरण के खिलाफ कानूनी रूप से लड़ रहा है। वो भी अपने प्रभुत्व के कारण। माला आमतौर पर शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में एससी कोटा पर कब्ज़ा कर लेते हैं, जो उप-वर्गीकरण के साथ बदल सकता है।

दूसरी तरफ़ मडिगा हैं, जो एससी आरक्षण के भीतर कोटा की मांग कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लाभ समान रूप से मिले। उप-वर्गीकरण की अनुपस्थिति में, मंदा कृष्ण मडिगा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि मडिगा को हाशिये पर धकेल दिया गया।

मंगलवार को जब विधानसभा में उप-वर्गीकरण पर सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा हुई, तो कडियम श्रीहरि समेत कई कांग्रेस नेताओं ने मांग की कि अनुसूचित जातियों के लिए कुल कोटा बढ़ाकर 18% किया जाए, ताकि कुल आरक्षण में वृद्धि हो सके। श्रीहरि ने कहा कि जाति सर्वेक्षण से पता चलता है कि तेलंगाना की आबादी में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 17% से ज़्यादा है। यह उचित ही है कि कांग्रेस सरकार अपने वादे के मुताबिक अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाकर 18% करे।

रेड्डी सरकार द्वारा उप-वर्गीकरण का कदम राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि पार्टी ने इस मुद्दे पर ज्यादातर चुप रहना ही चुना है। 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण को मंजूरी दिए जाने के तुरंत बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपने शासित राज्यों में परामर्श किया था। इस मुद्दे पर बहुत स्पष्टता नहीं थी, सिवाय इसके कि सभी इस बात पर सहमत थे कि अनुसूचित जातियों में क्रीमी लेयर को बाहर नहीं रखा जाएगा।

इस बीच, दलित नेता और अनुसूचित जाति को अपना प्राथमिक वोट बैंक मानने वाली पार्टियां उप-वर्गीकरण के खिलाफ सामने आईं, क्योंकि उन्हें डर था कि यह अनुसूचित जातियों को विभाजित करने और उन्हें कमजोर करने की साजिश है।

मंगलवार को उप-वर्गीकरण प्रस्ताव पेश करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त एक सदस्यीय आयोग ने एससी के लिए आरक्षण से क्रीमी लेयर को बाहर करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इसे बरकरार रखने का फैसला किया है।

स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा, जो दलित नेता हैं। उन्होंने कहा कि उप-वर्गीकरण के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद तेलंगाना ने इसे लाने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि एससी को एक समरूप श्रेणी नहीं माना जा सकता। इसलिए उप-वर्गीकरण उचित है।

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नरसिम्हा ने कहा कि यह कदम “न्याय करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता” को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए, आपको दूरदृष्टि और मानवतावाद वाले नेता की आवश्यकता है… हम आनुपातिक संतुलन के साथ उप-वर्गीकरण को मंजूरी देकर इतिहास को फिर से लिखने जा रहे हैं। उप-वर्गीकरण किसी समूह के खिलाफ नहीं है, हम सभी एक परिवार हैं।” उप-वर्गीकरण प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद हैदराबाद और तेलंगाना के अन्य हिस्सों में कई दलित समूहों ने कांग्रेस के बैनर तले जश्न मनाया ।

बीआरएस नेता और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कहा कि उनकी पार्टी भी इस कदम का समर्थन करती है और 2001 से एससी उप-वर्गीकरण की मांग कर रही है। उन्होंने अपने संबोधन में मंडा कृष्ण मडिगा और “उप-वर्गीकरण के लिए उनकी लड़ाई” की सराहना की।

मंडा कृष्ण मडिगा मडिगा आरक्षण पोराट्टा समिति का नेतृत्व करते हैं, जो तीन दशकों से उप-वर्गीकरण के लिए लड़ रही है। हाल ही में उन्होंने इस उम्मीद में भाजपा को समर्थन दिया कि केंद्र सरकार उप-वर्गीकरण को लागू करेगी। भाजपा विधायक पायल शंकर ने कहा कि पार्टी दलितों के उप-वर्गीकरण का समर्थन करती है।

(इंडियन एक्सप्रेस के लिए निखिला हेनरी की रिपोर्ट)

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