Delhi Classroom Construction Scam: दिल्ली सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के क्लासरूम घोटाला मामले में शुक्रवार एसीबी ने सिविल लाइंस स्थित अपने मुख्यालय में सत्येंद्र जैन को बुलाकर पांच घंटे तक गहन पूछताछ की। जैन से 35 से ज्यादा सवाल पूछे गए, जिनमें एक सवाल का भी वह सही तरीके से जवाब नहीं दे पाए।
इससे पहले जैन ने दिल्ली की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा उन्हें तलब किए जाने के बाद वह दोष-रोप का खेल खेल रही है। जैन ने दावा किया कि भाजपा सरकार पिछले 3-4 महीनों में कुछ भी करने में विफल रही है और आरोप लगाया कि भाजपा ने स्कूल फीस बढ़ा दी है और खुद उनके और मनीष सिसोदिया जैसे आप नेताओं को तलब किया है, जिन्होंने दिल्ली में स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है। जैन ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
जैन ने कहा कि जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है, पिछले 3-4 महीनों से उन्होंने कुछ नहीं किया है। स्कूल फीस बढ़ा दी गई है और दिल्ली में स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार करने वालों, मनीष सिसोदिया और मुझे तलब किया जा रहा है। वे लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं। उन्हें दिल्ली की सफाई और बुनियादी ढांचे में सुधार करने पर काम करने की जरूरत है। वे सिर्फ दोषारोपण का खेल खेल रहे हैं, उन्हें मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन फिर भी वे मुझे नहीं छोड़ सकते।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, क्लासरूम बनाने के लिए उन्होंने ही आर्किटेक्ट कंसल्टेंट नियुक्त किया था। इसकी क्या जरूरत पड़ी। इन सवालों का जवाब देने से उन्होंने इनकार कर दिया। कुछ सवाल के जवाब में उन्होंने कैबिनेट के फैसले के अनुसार काम होने की बात कही। हालांकि वह कैबिनेट का कोई निर्णय लिखित में नहीं दिखा पाए। इसी तरह उन्होंने कई निर्णय शिक्षा विभाग पर थोपने की कोशिश की। उन्होंने संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों पर काईवाई क्यों नहीं की और मामले को तीन साल तक क्यों दबाए रखा गया। इस सवाल का भी वह सही सही जवाब नहीं दे पाए।
ACB चीफ संयुक्त आयुक्त मधुर वर्मा के मुताबिक, सत्येंद्र जैन को सुबह 11 बजे बुलाया गया था। वह 11.30 में मुख्यालय आए। इसके बाद उनसे पूछताछ शुरू की गई। शाम पांच बजे तक उनसे पूछताछ की गई। एसीबी के सवालों का जवाब देने से वह बचते रहे। आगे भी उनसे पूछताछ की जाएगी।
सत्येंद्र जैन ने पूछे गए सवालों का जो जवाब दिया अगली बार उसके दस्तावेज लेकर आने को कहा जाएगा। क्लासरूम का निर्माण 1,200 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से सेमी परमानेंट स्ट्रक्चर के रूप में किया गया जबकि बिल का भुगतान 2,100 से 2,200 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से परमानेंट स्ट्रक्चर का किया गया। सभी बिलों पर सिसोदिया के हस्ताक्षर पाए गए हैं।
10 इंजीनियरों से हो चुकी पूछताछ
इस मामले में निर्माण कार्य कराने वाले करीब 10 इंजीनियरों से पूछताछ की जा चुकी है। एसीबी ने दोनों नेताओं के खिलाफ सरकारी स्कूलों में 12,748 कक्षाओं के निर्माण में दो हजार करोड़ से अधिक के घोटाले को लेकर करीब ढाई माह पहले केस दर्ज किया था। 2019 में एसीबी को सरकारी स्कूलों में 2,892 करोड़ रुपये की लागत से 12,748 कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई थीं।
दिए गए टेंडर के मुताबिक, एक क्लासरूम के निर्माण की लागत लगभग 24.86 लाख रुपये बताई गई, जबकि दिल्ली में ऐसे कमरे आमतौर पर लगभग पांच लाख रुपये में बनाए जा सकते हैं। लागत अधिक होने के बावजूद एक भी काम निर्धारित समयावधि में पूरा नहीं हुआ। पूरा निर्माण कार्य 34 ठेकेदारों को दिया गया, जिनमें अधिकांश आप से जुड़े हैं। इसके लिए सलाहकार और आर्किटेक्ट भी उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त किए गए और उनके माध्यम से लागत में वृद्धि की गई।
मधुर वर्मा के मुताबिक, सत्यापन के दौरान पता चला कि वित्त वर्ष 2015-16 के लिए व्यय वित्त समिति की बैठकों में यह निर्णय लिया गया था कि इस परियोजना को स्वीकृत लागत पर जून 2016 तक पूरा कर लिया जाएगा। इससे भविष्य में लागत वृद्धि की कोई गुंजाइश नहीं होगी। बावजूद इसके निर्धारित समयावधि के भीतर एक भी काम पूरा नहीं हुआ, जिसके कारण भी लागत में वृद्धि हुई।
जांच के दौरान पता चला कि इस मामले में मुख्य तकनीकी परीक्षक, सीवीसी की जांच रिपोर्ट सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से 17 फरवरी 2020 को जारी की गई थी, लेकिन उस रिपोर्ट को तीन साल तक दबा दिया गया। वहीं, आप नेता आतिशी ने कांग्रेस की भूमिका को लेकर निराशा जताई और आरोप लगाया कि कांग्रेस का बीजेपी के साथ ‘अघोषित गठबंधन’ है। पढ़ें…पूरी खबर।