राजधानी दिल्ली व एनसीआर में सर्द मौसम के बीच इसके कई हिस्सों में शनिवार सुबह मध्यम से हल्का कोहरा छाया रहा। वहीं, रविवार को ठंड को देखते हुए मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने नारंगी चेतावनी जारी की है। दिल्ली का शनिवार को अधिकतम तापमान 14.8 डिग्री रहा जो औसत से पांच डिग्री नीचे है। यह अब तक के मौसम का सबसे सर्द दिन रहा। वहीं नरेला अधिकतम 10.7 डिग्री तपमान के साथ लगातार दूसरे दिन भी दिल्ली का सबसे ठंडा स्थान दर्ज किया गया।

हवाओं की ठिठुरन के बीच कोहरे की चादर शनिवार को दिल्ली एनसीआर में फैली रही। दिन भर सूरज नदारद ही रहा। कभी-कभार बादलों व धुंध के बीच से सूरज झांक भी लेता तो भी वह दिल्ली वालों को राहत नहीं दे पा रहा था। न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम यानी 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि अधिकतम तापमान करीब 16 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना के उलट यह 5 डिग्री नीचे गिर कर 14.8 दर्ज किया गया। यह इस मौसम का अधिकतम तापमान के लिहाज से सबसे ठंडा दिन रहा। इसके लिए मौसम विभाग ने शुक्रवार को पीली चेतावनी जारी की थी।

लोग ठंड से बचने के लिए घरों में हीटर व अन्य बिजली के उपकरणों का उपयोग कर रहे। वहीं सड़क के किनारे बाजारों व कालोनियों में लोग अलाव का सहारा लेते भी दिखे। मौसम विभाग का आकलन है कि रविवार को इससे भी अधिक ठंड हो सकती है। कोहरे का दौर भी जारी रहेगा।
कोहरे की वजह से गिरी दृश्यता के कारण कम से कम तीन दर्जन ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है।

सर्द हवाओं से घरों में दुबके लोग
भारी बर्फबारी के बाद दिल्ली की हवाएं बर्फीली हो गई हैं। इन हवाओं का असर शुक्रवार देर रात से ही दिल्ली में साफ नजर आया और ठंड बढ़ने की वजह से बिजली की मांग में इजाफा दर्ज किया गया है। शुक्रवार को देर रात बिजली की अधिकतम मांग 5104 मेगावाट तक पहुंच गई। यह मांग सर्दियों के सीजन की अब तक सबसे अधिक मांग बताई जा रही है।

बिजली कंपनियों का मानना है कि दिल्ली में कर्फ्यू की व्यवस्था है। इस वजह से अधिकतर लोग घरों से काम कर रहे हैं। इस वजह से लोग ठंड से बचने के लिए गीजर , हीटर और अन्य विद्युत उपकरणों का प्रयोग कर रहे हैं। जो कि इस समय में अधिकतम मांग बढ़ने की वजह बनी है।

विभाग ने कहा कि संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस मांग में और बढ़ोतरी हो सकती है। शनिवार को करीब 8 बजे खबर लिखे जाने तक दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 4,338 मेगावाट दर्ज की गई थी। शुक्रवार की अधिकतम मांग को रात करीब साढ़े दस बजे के आसापास दर्ज किया गया था। इससे सर्वाधिक बिजली मांग बीते वर्ष 7 फरवरी 2021 को 7323 मेगावाट दर्ज की गई थी।

बिजली कंपनियों का दावा है कि इस अधिकतम मांग को सफलता पूर्वक प्राप्त किया गया है। बीएसईएस कंपनी के मुताबिक शुक्रवार को अधिकतम मांग के वक्त बीएसईएस राजधानी क्षेत्र में 2140 मेगावाट और बीएसईएस यमुना क्षेत्र में 1114 मेगावाट दर्ज की गई थी। इस मांग को पूरा करने के लिए 440 मेगवाट सौर ऊर्जा से मिली बिजली का इस्तेमाल किया गया था।

उधर टाटा पावर-डीडीएल के क्षेत्र में शुक्रवार की अधिकतम मांग 1606 मेगावाट रही। कंपनी का दावा है कि इस दौरान उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराई। अनुमान है कि इस साल सर्दियों के दौरान अधिकतम मांग 1700 मेगावाट तक पहुंच सकती है। अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए बिजली वितरण कंपनियों ने दिल्ली में पर्याप्त बिजली उपलब्ध होने का दावा किया है।