आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में सवाल किया कि जब हम उत्पादन में 10 वें नंबर पर हैं तो वितरण में क्या समस्या है कि देश भूखमरी की समस्या को दूर करने में सफल नहीं हो रहा हैं? जवाब देते हुए कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि यह जो आंकड़ा है वो किसी एनजीओ ने दिया है हमने उनसे इस मामले में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोई विदेशी एनजीओ आकर सर्वेक्षण कर के चले जाए तो उसपर अधिक संवदेनशील होने की जरूरत नहीं है। इसके बाद उन्होंने अपना निजी अनुभव बताते हुए कुतिया का उदाहरण दिया।

राज्यसभा में भूखमरी सूचकांक 2020 में भारत का स्थान 94 वां रहने को लेकर संजय सिंह की तरफ से ध्यान आकर्षिक करवाया गया था। उन्होंने कहा था कि हम उत्पादन में शीर्ष देशों में शामिल हैं, समस्या उत्पादन की नहीं वितरण की है, मंत्री जी बताएं कि इसमें सुधार क्या होगा? मंत्री ने कहा कि मैं अपना निजी अनुभव बताना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां तो गलियों में जब आवारा कुत्ते के भी बच्चे होते हैं तो हमारी माताएं बहने उन्हें खाना खिलाने के लिए जाती है। ऐसी परंपरा है इस देश में।तो ऐसे समाज में बच्चों के भूखे रहने का आकलन कोई और करके दे ये तो ठीक नहीं है। हट्ठे-कट्ठे बच्चे को भूखमरी में गिना जा रहा है।

मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि हमारे यहां खाने की समस्या नहीं है। और न ही स्टॉक की समस्या है। इस समस्या को लेकर समाज में जागृति लाने के लिए हमारी मंत्री स्मृति ईरानी ने योजना चलाई है।मंत्री के जवाब के बाद सदन में हंगामा होने लगा राज्यसभा के उपसभापति के द्वारा हस्तकक्षेप करने के बाद मामला शांत हुआ।

पूरक प्रश्न पूछते हुए संजय सिंह ने कहा कि देश में 1400 करोड़ का खाना हर साल बर्बाद हो जाता है जिससे सात करोड़ बच्चों को खाना खिलाया जा सकता है। साथ ही 30-40 प्रतिशत अनाज कोल्ड स्टोरेज नहीं होने की वजह से बर्बाद हो जाता है।

पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में कुछ जगहों पर अनाज का नुकसान हो रहा है। लेकिन इसी को ध्यान में रखते हुए पीएम इंफ्रास्ट्रक्चर योजना का एलान किया गया है।