महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है। शिवसेना और बीजेपी के बीच जारी जुबानी जंग में अब संजय राउत ने दावा किया है कि अगर उनकी पार्टी बाबरी मस्जिद केस के बाद नॉर्थ इंडिया में चुनाव लड़ती तो प्रधानमंत्री के पद पर कोई शिवसेना नेता होते।
शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी ने भाजपा के लिए उत्तर भारत नहीं छोड़ा होता तो देश के सामने शिवसेना की तरफ से भी एक प्रधानमंत्री होता। उन्होंने कहा- “महाराष्ट्र में हम भाजपा को नीचे से ऊपर तक ले गए। बाबरी के बाद उत्तर भारत में शिवसेना की लहर थी, अगर हम उस समय चुनाव लड़े तो होते हमारे पीएम देश में होते, लेकिन हमने इसे उनके लिए छोड़ दिया”।
संजय राउत का बयान शिवसेना और भाजपा के बीच वाकयुद्ध के बीच आया है। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन करके 25 साल बर्बाद कर दिए। ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना ने बीजेपी को छोड़ा है, हिन्दुत्व को नहीं। बीजेपी का अवसरवादी हिन्दुत्व सत्ता के लिए है।
महाराष्ट्र के सीएम के इस बयान पर अब बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पलटवार किया है। फडणवीस ने कहा कि जब बीजेपी मुम्बई नगर निगम में सीटें जीत रही थी, तब शिवसेना का जन्म भी नहीं हुआ था। देवेंद्र फडणवीस ने कहा- “शिवसेना के पास सेलेक्टिव मेमोरी है। जब शिवसेना का जन्म भी नहीं हुआ था, तब मुंबई नगर निकाय में भाजपा के सदस्य थे। 1984 के चुनाव में, उनकी पार्टी के उम्मीदवार ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।”
फडणवीस ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री की टिप्पणियों से पता चलता है कि वह हाल ही में नगर पंचायत या स्थानीय निकाय चुनावों में अपनी पार्टी के चौथे स्थान पर रहने से निराश हैं और इसे भाजपा पर उतार रहे हैं। फडणवीस ने कहा- “राम जन्मभूमि अभियान में आप कहां थे? हमने गोलियां और लाठियां खाईं। आज पीएम मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है।”
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव तक बीजेपी और शिवसेना एक साथ थे। कई चुनाव साथ में लड़े थे, और कई बार महाराष्ट्र में सरकार भी बनाई थी, लेकिन पिछली बार सीएम की कुर्सी पर दोनों पार्टियों में विवाद हो गया और शिवसेना ने बीजेपी से अलग होकर राज्य में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया।