बंगाल का संदेशखाली चर्चा में बना हुआ है। इसी इलाके में 5 जनवरी को टीएमसी नेता शाहजहां शेख के समर्थकों ने ईडी अधिकारियों पर हमला किया था। इस मामले में एसआईटी जांच का आदेश दिया गया था। लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट ने जांच पर रोक लगाने का आदेश दिया। इसी का जिक्र करते हुए टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कोर्ट को दोषी ठहराया और कहा कि हमारी पार्टी शाहजहां को नहीं बचा जा रही है।
हाई कोर्ट राज्य प्रशासन के हाथ बांध देता है- अभिषेक बनर्जी
रविवार को कोलकाता में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “अगर हाई कोर्ट राज्य प्रशासन के हाथ बांध देता है, तो क्या किया जा सकता है?” 5 जनवरी की घटना के बाद दावा किया गया कि ईडी अधिकारियों पर हमला किया गया था और इसी मामले में शिकायत दर्ज की गई थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि एक एसआईटी बनाई जाए, जिसमें राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हों। करीब 10-12 दिन बाद ईडी ने हाई कोर्ट में स्टे के लिए अपील की थी।
इसके बाद ईडी की याचिका स्वीकार कर ली गई। इसका मतलब यह है कि जांच एजेंसी चाहती है कि कोई जांच, गिरफ्तारी, समन या पूछताछ न हो। अभिषेक बनर्जी ने कहा, “क्या ममता बनर्जी ने ऐसा किया? नहीं, यह कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा किया गया था। मामले की सुनवाई 6 मार्च को है। क्या स्टे आदेश यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भाजपा घटना के फुटेज रख सके।”
ईडी अधिकारियों पर 5 जनवरी को हमला किया गया था। शाहजहां शेख तब से फरार था। टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बीजेपी बंगाल में आग भड़काने और अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है।
अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मैं इसे रिकॉर्ड पर रखना चाहता हूं कि तृणमूल शाहजहां शेख की रक्षा नहीं कर रही है, बल्कि न्यायपालिका कर रही है। उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि संदेशखाली खबरों में बना रहे। रोक हटाएं और देखें कि राज्य पुलिस आगे क्या करती है। संदेशखाली में विरोध प्रदर्शनों की पुलिस द्वारा जांच की जानी चाहिए ताकि यह जांचा जा सके कि क्या वे सही है।”